खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप तो कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू ने भारत पर लगा दिया, लेकिन आज तक इसके सबूत नहीं दिए गए हैं।
कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने फिर सबूत मांगा है। भारतीय दूत ने शुक्रवार को द ग्लोब एंड मेल को दिए एक इंटरव्यू में यह मांग की है। आपको बता दें कि ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में “भारत सरकार के एजेंटों” की संलिप्तता का आरोप लगाया था।
उन्होंने दावा किया था कि उनके पास इसकी खुफिया जानकारी है। भारत ने आरोपों को बेतुका कहकर खारिज कर दिया था। साथ ही कनाडा के फैसले का विरोध करते हुए एक कनाडाई राजनयिक को भारत निष्कासित कर दिया था।
संजय कुमार वर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि निज्जर की हत्या में भारत की कथित संलिप्तता के बारे में कनाडा या उसके सहयोगियों द्वारा भारत को ठोस सबूत नहीं दिखाए गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा है कि हत्या की जांच कर रही कनाडाई पुलिस की कार्रवाई पर पीएम ट्रूडो के सार्वजनिक बयानों से असर हुआ है।
वर्मा ने कहा, “इस मामले में हमें जांच में सहायता के लिए कोई विशेष या प्रासंगिक जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है।” उन्होंने कहा, “सबूत कहां हैं? जांच का निष्कर्ष कहां है? मैं एक कदम आगे बढ़कर कहूंगा कि अब जांच पहले ही दागदार हो चुकी है।”
पिछले महीने भारत द्वारा राजनयिक ताकत में समानता पर अपनी चिंताओं से अवगत कराने के बाद कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया था। कनाडा ने चंडीगढ़, मुंबई और बेंगलुरु दूतावासों में अपनी वीजा और कांसुलर सेवाएं भी रोक दीं।
हत्या में भारत की भूमिका को सिरे से नकारते हुए वर्मा ने कहा कि राजनयिकों के बीच किसी भी बातचीत को अदालत में सबूत के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
इसे सार्वजनिक रूप से भी जारी नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “आप अवैध वायरटैप के बारे में बात कर रहे हैं। दो राजनयिकों के बीच बातचीत सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों द्वारा सुरक्षित है। मुझे दिखाओ कि आपने इन वार्तालापों को कैसे रिकॉर्ड किया। मुझे बताओ कि किसी ने आवाज की नकल तो नहीं की है।”
वर्मा ने कहा, “मुझे लगता है कि यह नफरत फैलाने वाला भाषण है और हिंसा को उकसाने वाला है। मैं अपनी सुरक्षा और संरक्षा को लेकर चिंतित हूं।
मैं अपने महावाणिज्य दूत की सुरक्षा और संरक्षा को लेकर चिंतित हूं। भगवान न करे कि कुछ हो जाए।” उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि कनाडा खालिस्तान समर्थकों पर लगाम लगाएगा।