अब तो गाजा में रोने वाला भी कोई नहीं बचा, जारी है इजरायल का कहर; छोड़ा सबसे घातक बम…

इजरायल और हमास चरमपंथियों के बीच जंग का खामियाजा गाजावासी भुगत रहे हैं। इजरायली सेना के गाजा पट्टी पर लगातार हो रहे हमलों ने कत्लेआम मचा रखा है।

गाजा पट्टी में हर रोज सैकड़ों जानें जा रही है। सोमवार को गाजा पट्टी के स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में कहा कि ताजा हमले में 110 लोगों की मौत हो गई।

ये करीब रोज के आंकड़े हैं। गाजा पट्टी पर मौत का वो तांडव चल रहा है कि हर कोई से मौत की खबरें आ रही हैं। हालात ये है कि अब तो गादा में रोने के लिए भी कोई नहीं बचा।

इजरायली सेना ने ताजा हमले में अपने सबसे घातक बम ‘स्टील स्टिंग’ को गाजा की जमीन पर छोड़ा है। हमास से जारी जंग में इस घातक हथियार का पहली बार इस्तेमाल किया गया है। इजरायली सेना ने इस बम को गिराने का एक वीडियो भी शेयर किया है।

इजरायल और हमास के बीच युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए नरसंहार के जवाब में इजरायली सेना आईडीएफ हमास आतंकियों को चुन-चुनकर मार रही है। हर रोज सैंकड़ों मौते हो रही हैं।

गाजा पट्टी पर स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को एक बयान में कहा कि ताजा हमले में 110 लोगों की जान चली गई। गाजा पट्टी पर इजरायली सेना का कहर जारी है।

इस युद्ध में पहली बार इजरायली सेना ने हमास के खिलाफ अपना सबसे घातक बम स्टील स्टिंग छोड़ा। इसका वीडियो फुटेज भी जारी किया है।

हर ओर से मौत की खबरें
गाजा में ताजा हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फोन पर लोगों को अपने रिश्तेदारों की मौत की खबरें लगातार आ रही हैं।

किसी को पूरा घर बम धमाके में उड़ने की सूचना मिल रही है तो किसी को अपने संबंधियों के पूरे परिवार के खात्मे की खबर मिल रही है। गाजा के लोग इस कत्लेआम में भोजन, पानी और अन्य बुनियादी जरूरतों से भी जूझ रहे हैं। 

गाजा पट्टी में स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, कई इलाके बिजली संकट से भी जूझ रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों के लिए इलाज कर पाना भी मुश्किल हो रहा है।

अस्पताल में लोगों के लिए बेड की कमी है। मुर्दाघरों में शव रखने की जगह नहीं है। आईस्क्रीम कंटनेरों को अस्थायी मुर्दाघर बनाए जा रहे हैं, ताकि शव खराब न हों। 

गाजा पट्टी में स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, कई इलाके बिजली संकट से भी जूझ रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों के लिए इलाज कर पाना भी मुश्किल हो रहा है।

अस्पताल में लोगों के लिए बेड की कमी है। मुर्दाघरों में शव रखने की जगह नहीं है। आईस्क्रीम कंटनेरों को अस्थायी मुर्दाघर बनाए जा रहे हैं, ताकि शव खराब न हों। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsaap