यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच रूस ने देशव्यापी परमाणु युद्ध अभ्यास की घोषणा की है। इससे पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ गई है।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने एक रिपोर्ट के हवाले से दावा किया है कि अगले कुछ दिनों में ईरान परमाणु हथियार बना सकता है।
इस वजह से अमेरिकी सैटेलाइट सुपर एक्टिव हो गई हैं और आसमान से ईरान के संभावित परमाणु विकास ठिकानों की हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से तस्वीरें ले रहीं हैं।
अमेरिका तीसरी आंख से ईरान और रूस में जमीन से लेकर समंदर तक इसकी निगरानी कर रहा है।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने स्ट्रैटेजी फॉर काउंटरिंग वीपन्स ऑफ मास डिस्ट्रक्शन रिपोर्ट 2023 के हवाले से कहा है कि ईरान अगले दो हफ्ते में परमाणु बम बना सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान के पास 14 दिनों में परमाणु हथियार तैयार कर लेने के लिए कच्चा माल तैयार है। रिपोर्ट के अनुसार ईरान के पास परमाणु बम बनाने का जरूरी ढांचा और तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने उस लेवल तक का यूरेनियम तैयार कर लिया है, जितना परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी होता है।
रिपोर्ट में इसका भी उल्लेख किया गया है कि ईरान कई अहम साइटों पर कैमरे लगाने की इजाजत नहीं दे रहा है। इसलिए उसके यूरेनियन लेवल का सही-सही पता नहीं लगाया जा सका है।
1018 की मीडिया रिपोर्ट्स में पहले भी कहा गया था कि ईरान पहाड़ी इलाकों में सुरंगे खोदकर परमाणु हथियार बना रहा है। ये सुरंगें ईरान-इराक की सीमा पर स्थित पहाड़ों में नतांज न्यूक्लियर साइट के पास हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान एक सतत खतरे के रूप में सामने आया है। इसके अलावा, संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना है कि ईरान अपने सीडब्ल्यूसी दायित्वों का अनुपालन नहीं कर रहा है।
ईरान ने पूर्ण रासायनिक हथियार उत्पादन सुविधा घोषणा भी पेश नहीं किया है। रिपोर्ट में कहा गया है ईरान को रूस और चीन का साथ मिल रहा है, जो जैविक और विषाक्त हथियार सम्मेलन (BWEC) और रासायनिक हथियार सम्मेलन (CWC) के नियमों का उल्लंघन कर रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस और चीन उत्तर कोरिया को भी इसल मामले में मदद कर रहे हैं। इन चार देशों (चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया- CRIK) की चौकड़ी ने परमाणु अप्रसार संधि दायित्वों के अनुपालन के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं।
अमेरिका, ब्रिटेन समेत नाटो के सभी 31 देश इस चौकड़ी के गलत इरादों से भयभीत हैं। इन देशों को इस बात का डर है कि इसके जवाब में इजरायल और सऊदी अरब परमाणु बम बनाने का दिशा में तेजी से कदम आगे बढ़ा सकते हैं।
इसके अलावा रूस के 11 टाइम जोन में परमाणु हमले का युद्धाभ्यास बढ़ सकता है। दो हफ्ते में परमाणु हथियार बनाने की सूरत में ईरान के न्यूक्लियर साइट पर इजरायल की एयरस्ट्राइक का भी खतरा बढ़ सकता है। एक तरह से पूरी दुनिया परमाणु युद्ध के मुहाने पर आ खड़ी हुई है।
बता दें कि दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु शक्ति पर शासन करने वाले राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बार-बार पश्चिमी देशों को आगाह किया है कि रूस पर कोई भी हमला परमाणु प्रतिक्रिया को भड़का सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सोवियत संघ ने आखिरी परमाणु परीक्षण 1990 में किया था। संयुक्त राज्य अमेरिका का आखिरी परमाणु परीक्षण 1992 में और फ्रांस और चीन ने अपना आखिरी परमाणु परीक्षण 1996 में किया था।