दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में भारत सीरीज (बीएच) के नंबरों के रजिस्ट्रेशन में तेजी आई है।
तीन साल में इन नंबरों का रजिस्ट्रेशन 45 गुना तक बढ़ा है। परिवहन विभाग के मुताबिक, वर्ष 2021 में भारत सीरीज के 21 नंबर का रजिस्ट्रेशन हुआ था।
वहीं, इस साल अगस्त तक यह संख्या 919 हो गई। बीते साल 958 नंबर लोगों ने बुक कराए थे।
एआरटीओ प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा ने कहा कि भारत सीरीज के नंबरों का रजिस्ट्रेशन बढ़ा है। आने वाले वर्षों में इसमें और वृद्धि की संभावना है।
उन्होंने कहा कि इन नंबरों का रजिस्ट्रेशन लोग परिवहन विभाग की वेबसाइट पर करा सकते हैं। एआरटीओ प्रशासन ने बताया कि वर्ष 2021 सितंबर में भारत सीरीज के नंबरों का रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ था।
बीएच सीरीज नंबर प्लेट लाने के पीछे का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि इस तरह की नंबर प्लेट वाले गैर-कार्गो वाहन के मालिक को दूसरे राज्य में जाने पर नई रजिस्ट्रेशन प्लेट के लिए आवेदन नहीं करना पड़े।
यह नंबर पूरे देश में मान्य : भारत सीरीज एक खास तरह का रजिस्ट्रेशन होता है। इस तरह की गाड़ियों की नंबर प्लेट 21, 22, 23 जैसे अंकों के साथ शुरू होते हैं, जो यह दिखाते है कि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कब हुआ। इसके बाद राज्यों के कोड के बजाय, इसमें बीएच लिखा होता है, जो पूरे भारत में मान्य है।
महंगा है बीएच रजिस्ट्रेशन : बीएच रजिस्ट्रेशन आमतौर पर राज्य रजिस्ट्रेशन से अधिक महंगा है। बीएच रजिस्ट्रेशन की अग्रिम लागत अधिक है। बीएच रजिस्ट्रेशन ट्रांसफरेबल नौकरियों वाले लोगों के लिए डिजाइन किया गया है, जिन्हें अपने वाहनों को देशभर में स्वतंत्र रूप से ले जाने में सक्षम होना चाहिए।
कर्मचारी ले सकते हैं नंबर
अभी यह रजिस्ट्रेशन प्लेट सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए ही जारी की जा रही है। यह भी उन सरकारी कर्मचारियों के लिए जो दूसरे राज्य में ट्रांसफर किए जाते हैं। इसके अलावा निजी कंपनियों के वे कर्मचारी भी इस सीरीज को ले सकते हैं, जिनके ऑफिस कम से कम चार राज्यों में हैं और उन्हें वहां ट्रांसफर किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी दस्तावेज देना अनिवार्य है।
पोर्टल पर फॉर्म भरना होगा
विभाग के अनुसार, ऑनलाइन आवेदन के लिए डीलर को वाहन पोर्टल पर फॉर्म भरना होगा। सभी आवश्यक दस्तावेज लगाने के बाद शुल्क या मोटर वाहन कर का भुगतान ऑनलाइन होगा। जहां गाड़ी का रजिस्ट्रेशन हुआ है, उस राज्य के रजिस्ट्रेशन के दफ्तर से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना (एनओसी) अनिवार्य है। फॉर्म पूरा करने के बाद यदि सभी दस्तावेज दुरुस्त हैं तो आरटीओ की ओर से अनुमति मिल जाएगी।