हाल के कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका के संबंध काफी मजबूत हुए हैं।
पहले डोनाल्ड ट्रंप और अब जो बाइडेन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केमेस्ट्री इसकी गवाही दे रही है। दोनों देशों के बीच इस मजबूत संबंध के शिल्पकार विदेश मंत्री एस जयशंकर हैं।
यह हम नहीं, बाइडेन की टीम के वरिष्ठ अधिकारी कह रहे हैं। जयशंकर के सम्मान में अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने एक विशेष स्वागत समारोह का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में उनकी खूब तारीफ हुई।
इस कार्यक्रम में बाडेन प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
इनमें अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति, राज्य के उप सचिव रिचर्ड वर्मा, राष्ट्रपति बाइडेन की घरेलू नीति सलाहकार नीरा टंडन, व्हाइट हाउस कार्यालय के राष्ट्रीय औषधि नियंत्रण नीति के निदेशक डॉ. राहुल गुप्ता के अलावा नेशनल साइंस फाउंडेशन के निदेशक डॉ. सेथुरमन पंचनाथन शामिल थे।
जयशंकर 22 से 30 सितंबर तक अमेरिका की यात्रा पर थे। इस दौरान उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 78वें सत्र को संबोधित किया।
इसके अलावा उन्होंने वाशिंगटन में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, राजदूत कैथरीन ताई और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन सहित कई शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की थी।
जयशंकर के सम्मान में कार्यक्रम
जयशंकर के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान रिचर्ड वर्मा ने कहा, “यह इस सदी के सबसे परिणामी रिश्तों में से एक है।
क्या हमारे बीच असहमति है? आप शर्त लगा सकते हैं। क्या हमारे बीच मतभेद होंगे? बेशक, लेकिन दो करीबी दोस्त महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग के महान विचारों से जुड़े हुए हैं। यह साझेदारी जारी रहेगी।”
जयशंकर की खूब हुई प्रशंसा
पूर्व राजदूत ने अमेरिका-भारत के नए संबंधों के निर्माता के रूप में जयशंकर की खूब प्रशंसा की। उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी देखरेख में अमेरिका-भारत के रणनीतिक संबंध बढ़े हैं।
उन्होंने कहा, “मैं जयशंकर को कई क्षमताओं के कारण लंबे समय से जानता हूं। मैं यह भी कह सकता हूं कि वह आधुनिक अमेरिका-भारत संबंधों के वास्तुकार हैं। आप विदेश मंत्री नहीं होते तो हम उस मजबूत जगह पर नहीं होते जहां हम आज हैं।”
आपको बता दें कि वाशिंगटन डीसी में “कलर्स ऑफ फ्रेंडशिप” कार्यक्रम में जयशंकर ने भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के निर्माण को रेखांकित किया। इस कार्यक्रम में संयुक्त राज्य अमेरिका के विभिन्न इलाकों से आए सैकड़ों ससदस्यों ने भाग लिया।
भारतीय अमेरिकियों को श्रेय देते हुए जयशंकर ने मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के निर्माण में लोगों से लोगों के बीच संबंधों के महत्व के बारे में बताया।