महाराष्ट्र कि सियासत में उठापटक कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। एनसीपी में टूट के बाद एनडीए सरकार में शामिल हुए अजित पवार के एक बयान के बाद अटकलों का बाजार फिर गर्म हो गया है।
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि उन्हें भी नहीं पता है कि वह वित्त मंत्री के पद पर कब तक रहेंगे।
उन्होंने कहा, आज मेरे पास वित्त मंत्रालय है, इसलिए आपको योजनाओं को लाभ देना मेरा काम है।
हालांकि यह जिम्मेदारी मेरे पास कब तक रहेगी इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। वह बारामती में शनिवार को अपने समर्थकों से बात कर रहे थे।
अजित पवार के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी (अजित गुट) के बीच तालमेल नहीं बन पा रहा है। दूसरी तरफ अजित पवार बीते दो महीने में दो बार शरद पवार से मुलाकात कर चुके हैं। उनके गुट के अन्य नेता भी शरद गुट के विधायकों से मिलते रहते हैं।
अमित शाह के दौरान के समय भी नहीं थे अजित पवार
शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह मुंबई दौरे पर पहुंचे थे। वह लालबागचा राजा गणेश मंडप भी गए और उसके बाद मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक भी की।
हालांकि इस दौरान अजित पवार उपस्थित नहीं थे। उनकी इस गैरमौजूदगी को लेकर भी कयास लगने शुरू हो गए हैं। हालांकि पवार ने कहा कि उन्होंने सीएम शिंदे को अपने शेड्यूल के बारे में पहले ही जानकारी दे दी थी।
पवार ने कहा, मैं कई वर्षों से बारामती का प्रतिनिधित्व कर रहा है। वहां हाउसिंग असोसिएशन, बारामती बैंक, बारामती मिल्क कोऑपरेटिव और बारमती मार्केट कमेटी की बैठक थी।
साल में एक बार ही ये बैठकें होती हैं इसलिए छोड़ देना ठीक नहीं था। इस बारे में पहले से ही तैयारी हो गई थी और 15 दिन पहले ही शाह के कार्यालय को इसकी जानकारी दे दी गई थी। उन्होंने कहा, मैंने पहले ही बता दिया था कि अमित शाह के दौरे के समय मुंबई में नहीं रह पाऊंगा।
वहीं भाजपा के राज्य में अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी कयासों को खारिज करने का प्रयास किया और कहा कि अजित पवार का वित्त मंत्रालय वाला बयान एक सामान्य सी बात थी।
भविष्य में क्या होना है, कोई नहीं जानता। उनका बयान राजनीतिक नहीं बल्कि नेचुरल था। इसको लेकर किसी तरह की अटकलों की जरूरत नहीं है।