दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति चीन के कई शहरों में भयानक मंदी और नकदी संकट छाया हुआ है। इसका असर अब इंसानों के साथ-साथ जानवरों पर भी देखने को मिल रहा है।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के उत्तरी प्रांत लियाओनिंग के डोंगशान पार्क में नकदी संकट की वजह से जानवरों को खाना नहीं मिल पा रहा है।
यह चिड़ियाघर सरकारी फंड से संचालित है लेकिन सरकार ने पैसे देना बंद कर दिया है, जिसकी वजह से पिछले छह महीने से कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल सकी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कई जानवरों के भोजन को आधा कर दिया गया है और लोगों से भूख से तड़प रहे बेजुबानों की मदद के लिए भोजन और पैसे दान करने की अपील की गई है।
एक चीनी वन्यजीव संरक्षण समूह ने इस महीने की शुरुआत में एक असामान्य अपील जारी की है। सोशल मीडिया पर जारी अपील में कहा गया है, “पार्क में अभी भी भालू के बच्चे हैं जिन्हें खिलाने की जरूरत है, गर्भवती घोड़ी का भोजन भी आधा कर दिया गया है, और चिड़ियाघर के कर्मचारियों को छह महीने से भुगतान नहीं किया गया है। हमें उम्मीद है कि संबंधित विभाग इस मुद्दे पर ध्यान दे सकते हैं!”
रिपोर्ट के मुताबिक, इस चिड़ियाघर में तीन सिका हिरण, छह काले भालू, 10 अल्पाका और सैकड़ों बंदर और पक्षी हैं। यहां प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है।
इसकी दुर्दशा कई चीनी शहर और प्रांतीय सरकारों के सामने आने वाले वित्तीय संकट का एक नमूना है, जिन्हें खर्च में कटौती करनी पड़ रही है क्योंकि वे सभी भारी कर्ज का सामना कर रहे हैं।
कोविड -19 महामारी के दौर में जीरो कोविड पॉलिसी की वजह से चीन की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। सबसे खराब स्थिति रियल एस्टेट की है, जहां मंदी छाई हुई है।
नकदी संकट से जूझ रहे इस देश में लोगों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है, ताकि किसी तरह नकदी संग्रह किया जा सके।
आलम यह है कि रेस्टोरेंट में बिना लाइसेंस के खीरा परोसने पर भारी भरकम राशि का जु्र्माना वसूला जा रहा है। इसके अलावा सड़कों पर ओवरलोड ट्रकों पर भी भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है।