मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
उन्होंने कहा है कि राजभाषा हिन्दी अत्यंत समृद्ध एवं जीवंत भाषा है, इसका स्वरूप समावेशी हैै। इसकी लिपि देवनागरी विश्व की सबसे पुरानी एवं वैज्ञानिक लिपियों में से है।
यह निरंतर प्रवाहमान भाषा है। हिन्दी का शब्द भंडार एक तरफ संस्कृत से तो दूसरी तरफ अनेक देशी-विदेशी भाषाओं के शब्दों से समृद्ध हुआ है।
उन्होंने कहा है कि हिन्दी के सहज-सरल होने के कारण इसने देश को एक सूत्र में बांधने में अहम भूमिका निभाई है। हिन्दी के गुण उसे भाषा के दर्जे से ऊपर एक संस्कृति के रूप में प्रतिष्ठित करतेे हैं।
हिन्दी भाषा आज जन-जन की भाषा बन गई है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि प्रसिद्ध रचनाकार भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने कहा है कि ‘‘निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल’’ मतलब मातृभाषा की उन्नति बिना, किसी भी समाज की तरक्की संभव नहीं है।
सभी राजभाषा के गौरव और महत्व को और आगे ले जाने के लिए सब संकल्पित भाव से कार्य करें।