रूस ने सबसे घातक न्यूक्लियर मिसाइल की तैनात, क्यों सरमत ICBM को कहा जा रहा ‘शैतान 2’…

रूस ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की तैनाती कर दी है, जिसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल काफी बढ़ गई है।

रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के प्रमुख ने शुक्रवार को इस तैनाती के बारे में जानकारी दी।

इस मिसाइल को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि यह मॉस्को के दुश्मनों को 2 बार सोचने पर मजबूर कर देगी। पुतिन के इस आक्रामक बयान की इंटरनेशनल लेवल पर खूब चर्चा हुई और इसकी आलोचना भी की गई थी। 

रूस की समाचार एजेंसियों ने रोस्कोस्मोस के प्रमुख यूरी बोरिसोव के हवाले से प्रकाशित खबरों में बताया कि सरमत मिसाइल को युद्ध ड्यूटी पर तैनात किया गया है।

खबरों में मिसाइल तैनाती के संदर्भ में कोई अन्य जानकारी नहीं दी गई है। रूस के साल 2022 में यूक्रेन में सेना भेजने के लगभग 2 महीने बाद पुतिन का बेहद अहम बयान आया था।

उन्होंने कहा था, ‘सरमत बाहरी खतरों से रूस की विश्वसनीय रूप से सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। यह उन लोगों को दो बार सोचने पर मजबूर करेगी, जो आक्रामक बयानबाजी के जरिए हमारे देश को धमकी देने की कोशिश करते हैं।’

सरमत ICBM को ‘शैतान 2’ कहे जाने की वजह
मालूम हो कि सरमत विभिन्न उन्नत हथियारों में से आईसीबीएम है, जिसके निर्माण की घोषणा पुतिन ने वर्ष 2018 में की थी। साइलो-आधारित यह मिसाइल कई परमाणु हथियारों को ढोने में सक्षम है।

इसके आर-26 आईसीबीएम की जगह लेने की संभावना है, जिसे उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने ‘शैतान’ का नाम दिया था।

यही वजह है कि सरमत ICBM को ‘शैतान 2’ भी कहा जा रहा है। सरमत का शुरुआती प्रक्षेपण चरण कथित तौर पर कम अवधि का है, जिससे निगरानी प्रणालियों को इसका पता लगाने के लिए बहुत कम समय मिलता है। 

दूसरी ओर, रूस की धमकियों के बावजूद यूक्रेन जा रहे तीसरे मालवाहक पोत को बुल्गारिया के जल क्षेत्र से कुछ दूरी पर देखा गया है।

समुद्री अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। यूक्रेन के बुनियादी ढांचा मंत्री अलेक्संद्र कुबराकोव ने कहा कि लाइबेरिया के ध्वज वाले पोत ‘अन्ना टेरेसा’ पर 56,000 टन कच्चा लोहा लदा हुआ है।

यह शुक्रवार को यूक्रेनी बंदरगाह युझनी से रवाना हुआ। मार्शल आईलैंड के ध्वज के साथ यात्रा कर रहा दूसरा पोत ओसन कर्टसी इसी बंदरगाह से रवाना हुआ था।

उस पर 1,72,000 टन लौह अयस्क लदा हुआ है। इसके शनिवार दोपहर काला सागर के रामानियाई बंदरगाह कोंस्ताना पहुंचने की उम्मीद है।

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