रोहिणी साइबर पुलिस ने एमबीबीएस की खाली सीट पर कम शुल्क में एडमिशन का झांसा देने वाले गिरोह का खुलासा किया है।
पुलिस ने गिरोह के सरगना डॉक्टर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने करीब 20 पीड़ितों से एक करोड़ रुपये की ठगी की है।
पुलिस अधिकारी ने बुधवार को बताया कि मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डॉक्टर विजय धनकड़ ने 25 जुलाई को शिकायत दी थी।
पीड़ित ने बताया कि उनके पास एक शख्स ने फोन कर खुद को कटिहार मेडिकल कालेज का डीन डॉक्टर आरबी गुप्ता बताया।
उसने बताया कि मेडिकल कॉलेज में एक छात्र सीट छोड़कर चला गया है इसलिए बिना फीस दिए वह किसी का एडमिशन कर सकते हैं।
इस पर डॉक्टर धनकड़ ने बेटे के एडिमिशन के लिए साढ़े सात लाख रुपये जमा कर दिए। ठगे जाने का अहसास होने पर पीड़ित ने शिकायत दे दी।
पुलिस ने बैंक खाते के आधार पर असम से असिकुर रहमान को दबोचा। फिर उसकी निशानदेही पर धर्मेश और गिरोह के सरगना डॉक्टर सुमंत गुप्ता को जलपाई गुड़ी से गिरफ्तार किया।
नीट आने के बाद वारदात करने लगा
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुमंत ने सिक्किम मणिपाल से वर्ष 2005 में एमबीबीएस किया था। वह एक महिला के साथ मिलकर निजी मेडिकल कॉलेज में डोनेशन पर एडमिशन कराता था, लेकिन नीट आने के बाद यह काम बंद हो गया तो वह एडमिशन के नाम पर ठगी करने लगा।
जांच में मालूम हुआ कि सुमंत सभी मेडिकल कॉलेज के रिटायर होने वाले डीन से बात कर अपने संस्थान में नौकरी का प्रस्ताव देता था। फिर इसी दौरान एडमिशन के लिए खाली सीट की बात कहकर योग्य छात्र के बारे में पूछता था।