उपभोक्ताओं को नए वर्जन से घर बैठे मिलेगी 36 प्रकार की सेवाएं
बिजली बिल हाफ योजना में प्राप्त छूट की भी मिलेगी जानकारी
योजना के प्रारंभ से लेकर अब तक बिजली बिल में मिली छूट का देख सकेंगे विवरण
छत्तीसगढ़ी में जानकारी देने वाला पहला शासकीय एप बना मोर बिजली एप 2.0
मोर बिजली एप के पहले वर्जन को उपभोक्ताओं का मिला अच्छा प्रतिसाद
13 लाख 25 हजार से अधिक उपभोक्ता कर रहे हैं उपयोग
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने कोरबा प्रवास के दौरान ‘मोर बिजली एप 2.0‘ का शुभारंभ किया। मोर बिजली एप के पहले वर्जन को बिजली उपभोक्ताओं का अच्छा प्रतिसाद मिलने के कारण ही नागरिक सेवाओं को विस्तार देते हुए एप के दूसरे वर्जन को तैयार किया गया है। मोर बिजली एप 2.0 के माध्यम से अब उपभोक्ताओं को 36 प्रकार की सेवाएं मिलेंगी।
मुख्यमंत्री बघेल ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को इस पहल के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को अब मोर बिजली एप के पहले वर्जन से अधिक सुविधाएं घर बैठे ही मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए मोर बिजली एप दूसरा दफ्तर बन गया है और खुशी की बात है कि बिजली विभाग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां छत्तीसगढ़ी बोली में उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इस नए एप में हमारी सरकार द्वारा चलायी जा रही बिजली बिल हाफ योजना अंतर्गत उपभोक्ता को योजना के प्रारंभ से लेकर अब तक बिजली बिल में प्राप्त छूट की राशि के बारे में भी जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही उपभोक्ता छूट की राशि का प्रमाण पत्र भी डाउनलोड कर पायेंगे।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, उप मुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, सांसद दीपक बैज तथा ऊर्जा विभाग के सचिव अंकित आनंद उपस्थित भी थे।
मोर बिजली एप 2.0-
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लांच किए गए मोर बिजली एप 2.0 में 36 प्रकार की उपभोक्ता सेवाएं प्राप्त होगी। जिसमें बिल की जानकारी, गणना, दरें, बिल भुगतान सुविधाएं, जैसे ऑनलाईन भुगतान, नजदीकी भुगतान केन्द्र, पिछले दो वर्षों का बिल भुगतान विवरण, बिजली बिल हाफ योजना में प्राप्त छूट की जानकारी, विद्युत आपूर्ति तथा बिल से जुड़ी शिकायतें जैसे बिजली बंद, बिल संबंधी शिकायतें, आपातकालीन तथा विद्युत अवरोध, ट्रांसफार्मर की खराबी आदि की सुविधाएं मिलेंगी। इसके साथ ही नए बिजली कनेक्शन, नाम परिवर्तन, टैरिफ परिवर्तन, लोड बढ़ाने-घटाने, मीटर शिफ्टिंग जैसी सुविधाओं के लिए ऑनलाईन आवेदन कर सकते है। उपभोक्ता अपने ऑनलाईन आवेदन की स्थिति की जानकारी भी प्राप्त कर पाएंगे। उपभोक्ता अपनी व्यक्तिगत प्रोफाइल जैसे- मोबाइल नम्बर जोड़ने-बदलने, ई-मेल आईडी के साथी बिजली कनेक्शन प्रोफाईल एप के माध्यम से बना पाएंगे। एसएमएस और मोबाईल एप की भाषा का चुनाव भी आसानी से हो सकेगा।
बिजली कनेक्शन और नजदीकी विद्युत कार्यालय की जानकारी भी एप में-
बिजली उपभोक्ताओं को उनके बिजली कनेक्शन से संबंधित कई जानकारियां जैसे संबंधित बिजली ऑफिस, फ्यूज ऑफ कॉल सेन्टर तथा भुगतान केन्द्र का पता, सहायक/कनिष्ठ अभियंता का नाम तथा अन्य कई आवश्यक जानकारियां मालूम नहीं रहती है, इसलिए मोर बिजली मोबाइल ऐप वर्जन 2.0 में उपभोक्ता को ये सभी जानकारियां बिजली कनेक्शन प्रोफाइल में उपलब्ध करायी गई है। इसमें उपभोक्ता से संबंधित मीटर, पोल, ट्रांसफार्मर, 11 के.व्ही. फीडर तथा सबस्टेशन और अन्य आवश्यक जानकारियां भी शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ी बोली में जानकारी देने वाला पहला शासकीय एप बना मोर बिजली एप 2.0-
नए मोर बिजली एप को प्रदेशवासियों की सुविधा के लिए छत्तीसगढ़ी बोली में उपलब्ध कराया गया है। जिन उपभोक्ताओं ने छत्तीसगढ़ी बोली को एसएमएस की भाषा के रूप में चुना है, उन्हें मासिक बिजली बिल, बिल भुगतान, बिल भुगतान रिमाइन्डर और बिल भुगतान की जानकारी छत्तीसगढ़ी में भेजी जाएगी। इसके साथ ही यह छत्तीसगढ़ी बोली का प्रदेश का पहला शासकीय मोबाइल एप बन चुका है।
मोर बिजली एप ने रचा नया कीर्तिमान-
छत्तीसगढ़ के भुईयां मोबाइल एप के बाद सिर्फ मोर बिजली एप का हीे 10 लाख से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है। 6 अक्टूबर 2020 को लांच हुए मोर बिजली एप के पहले वर्जन को 13 लाख 25 हजार से अधिक उपभोक्ता डाउनलोड कर उपयोग में ला रहे है। गूगल प्ले स्टोर में निःशुल्क उपलब्ध इस मोबाइल ऐप को 36 हजार 700 से अधिक उपभोक्ताओं द्वारा 5 में से 4.4 की रेटिंग दी गई है। राज्य में मोर बिजली के एप की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है, यही इसकी सफलता का परिणाम है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मोर बिजली एप सर्वाधिक लोकप्रिय-
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बिल की जानकारी, बिजली बिल का भुगतान और बिजली बंद होने की शिकायत के लिए मोर बिजली ऐप का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। बिजली बंद होने की लगभग 50 प्रतिशत से अधिक शिकायतें मोर बिजली ऐप के माध्यम से प्राप्त हो रही है। शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण भी 70 प्रतिशत से बढ़कर अब 94 प्रतिशत हो गया है।