छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार शाम भिलाई पहुंचे। इस दौरान वे सिविक सेंटर स्थित कला मंदिर में मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज की ओर से आयोजित डॉ. खूबचंद बघेल जयंती समारोह में शामिल हुए।
इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बार-बार छत्तीसगढ़ आने पर तंज कसा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमित शाह बार-बार छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। इसका मतलब है कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
ये लोग रात में आते हैं और डंडा चलाकर चले जाते हैं। उन्होंने भाजपा पर एक आदिवासी नेता का अपमान करने का आरोप लगाया।
सीएम बोले कि ननकी राम कंवर को भाजपा नेताओं ने पार्टी कार्यालय में घुसने नहीं दिया। उन्हें वहां से भगा दिया गया। ये एक आदिवासी का अपमान है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में नक्सल समस्या खत्म होने का दावा करते हुए कहा कि अब नक्सली पीछे हट चुके हैं। पहले लोग जगदलपुर तक नहीं जा सकते थे।
अब बस्तर के अंदरूनी इलाकों में भी जा पा रहे हैं। गृहमंत्री खुद कोंटा जिले के नक्सली क्षेत्र में गए। वहां वर्षों से बंद स्कूलों को शुरू करने का काम किया गया है।
समारोह में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, विधायक देवेंद्र यादव, अरुण वोरा, भिलाई महापौर नीरज पाल, महापौर रिसाली शशि सिन्हा, पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष आरएन वर्मा और पूर्व महापौर भिलाई नीता लोधी भी मौजूद थे।
भिलाई टाउनशिप में जल्द मिलेगा हाफ बिजली योजना का लाभ
भिलाई इस्पात संयंत्र की ओर से दिए गए लीज आवास आवंटन के विवाद पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा केवल लोगों को कन्फ्यूज कर रही है।
उसने पहले लीज दिलाकर लोगों का पैसा फंसा दिया और वो उस मकान के मालिक भी नहीं हैं। अब उनका रजिस्ट्रेशन हो रहा है।
हाफ बिजली योजना के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही वो इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखेंगे। इस पर मंजूरी के बाद भिलाई टाउनशिप के लोगों को भी हाफ बिजली बिल का लाभ मिलेगा।
वाद्य संगीत मार्गदर्शिका पुस्तिका का किया विमोचन
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में विशेषज्ञ नेत्र चिकित्सक डॉ. लाखेशचंद्र मढ़रिया को शॉल श्रीफल और प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया।
इस मौके पर उन्होंने वाद्य संगीत मार्गदर्शिका पुस्तिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. खूबचंद बघेल बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे।
देश की आजादी के समय वे महात्मा गांधी जी के साथ छुआछूत का समाज में विरोध किया। डॉ. बघेल ने छुआछूत पर नाटक लिखकर कलाकार के रूप में काम भी किया।
छत्तीसगढ़ के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।