साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार एक आरोपी शैकुल की पुलिस हिरासत में मौत हो गई।
इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस के मुताबिक, 20 जुलाई को शैकुल और अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था।
इसके एक दिन बाद शैकुल की तबीयत बिगड़ गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस मामले में डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा शैकुल का पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस ने बताया कि शैकुल और उसके साथियों को प्लॉट बेचने के नाम पर फरीदाबाद निवासी सुब्रत के साथ करीब 1। 90 लाख रुपए की ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस प्रवक्ता सूबेसिंह के मुताबिक, पीड़ित की शिकायत पर 13 जुलाई को आरोपियों के खिलाफ साइबर ठगी/ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत साइबर थाना एनआईटी में मुकदमा नंबर 29 दर्ज किया गया था।
इस मामले में पुलिस ने आरोपी नरेंद्र, धर्मेंद्र, साबिर, अली मोहम्मद और शैकुल की संलिप्तता पाए जाने पर उन्हें 20 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के मुताबिक, कानूनी प्रक्रिया के तहत 20 जुलाई को आरोपियों की मेडिकल जांच कराई गई और गिरफ्तारी की सूचना आरोपियों के परिजनों को दी गई।
सूचना पर सरपंच ताहिर दो-तीन अन्य लोगों के साथ आरोपियों से मिलने के लिए आया था। आरोपियों को 21 जुलाई को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया था।
पुलिस ने बताया कि 21 जुलाई को आरोपी शैकुल ने कमजोरी महसूस होने और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की, जिसके बाद उसे तुरंत बीके हॉस्पिटल ले जाया गया।
डॉक्टरों ने शैकुल को दवाइयां एडवाइज की और कहा कि एडमिट करने की जरूरत नहीं है। शैकुल ने 22 जुलाई को फिर कहा कि उसे कमजोरी लग रही है।
इस पर पुलिस उसे फिर बीके हॉस्पिटल लेकर गई और इलाज के बाद उसे वापस भेज दिया गया। रविवार को भी शैकुल को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई। मृतक शैकुल अलवर के टिकरी गांव का रहने वाला था।
इस मामले में पुलिस ने बताया कि आरोपी की मृत्यु के बारे में पुलिस के उच्च अधिकारियों को सूचित किया गया। कानूनी प्रक्रिया के तहत मजिस्ट्रेट को भी सूचना दी गई।
अब मामले की जांच ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के द्वारा की जाएगी। कोर्ट ने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आकृति वर्मा को मामले की जांच के लिए नियुक्त किया है।