भारत का पड़ोसी चीन एक बार फिर से जमीन में 10 हजार मीटर की गहराई का छेद कर रहा है।
कुछ समय पहले भी चीन इसी तरह का छेद जमीन के भीतर कर चुका है। दरअसल, इसके जरिए चीन नैचुरल गैस के अत्यधिक भंडार की खोज कर रहा है।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन ने सिचुआन प्रांत में शेंडी चुआंके एक कुएं की ड्रिलिंग शुरू की, जिसकी गहराई 10,520 मीटर (6.5 मील) है।
ससे पहले मई महीने में शिनजियांग में भी सीएनपीसी ने इसी तरह का गहरे गड्ढे की खुदाई शुरू की थी। उसे चीन में अब तक का सबसे गहरा कुआं बताया गया था।
जहां पहले वाले कुएं को प्रकृति में प्रायोगिक बताया गया था और उस परियोजना को ड्रिलिंग प्रौद्योगिकियों का परीक्षण करने और पृथ्वी की आंतरिक संरचना पर डेटा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
इस परियोजना के 457 दिनों में पूरा होने की उम्मीद है और इसे चीनी राज्य मीडिया आउटलेट्स ने चीन की गहरी-पृथ्वी अन्वेषण में एक मील का पत्थर के रूप में सराहा है।
वहीं, सिचुआन वाली ड्रिलिंग को नैचुरल गैस की खोज करने के लिए किया जा रहा है। सिचुआन दक्षिणपूर्वी प्रांत है, जो मसालेदार भोजन, शानदार पहाड़ी दृश्यों और पांडा के लिए जाना जाता है। यह चीन के कुछ सबसे बड़े शेल गैस भंडार का भी घर है।
हालांकि, कठिन इलाके और जटिल भूमिगत भूविज्ञान के कारण, देश की सरकारी स्वामित्व वाली तेल कंपनियों को अपनी क्षमता का दोहन करने में केवल सीमित सफलता ही मिली है।
चीन की सरकार ने हाल के वर्षों में बिजली की कमी, भू-राजनीतिक संघर्ष और वैश्विक मूल्य अस्थिरता के बीच घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर ईंधन सुरक्षा बढ़ाने के लिए ऊर्जा कंपनियों पर दबाव डाला है। गौरतलब है कि साल 2021 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश के कुछ वैज्ञानिकों को संबोधित किया था।
इसमें उन्होंने कई तरह की अपील की थी। एक अपील यह भी कि वैज्ञानिक पृथ्वी के भीतर से जुड़ी खोजों को लेकर और तेजी लेकर आएं। इससे खनिज और ऊर्जा संसाधनों की पहचान हो सकती है।