पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के कांगपोकपी जिले में दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने वाले चार आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
इस घटना से पूरे देश में आक्रोश है। लोग मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह सरकार की खूब आलोचना कर रहे हैं। विपक्ष लंबे समय से बीरेन सिंह का इस्तीफा मांग रहा है।
हालांकि खुद मुख्यमंत्री ने अपने इस्तीफे की बात एक बार फिर से टाल दी।
उन्होंने कहा कि बदमाश और शरारती तत्व हर समाज में हैं, लेकिन उनका काम शांति लाना है।
महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और एक पीड़िता को घसीटने वाले व्यक्ति सहित चार आरोपियों को पुलिस ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया है। चार मई को महिलाओं के साथ हुई इस घटना की सभी निंदा कर रहे हैं।
मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सीएम के इस्तीफे की मांग हो रही है। इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा, “मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता। मेरा काम राज्य में शांति लाना है। हर समाज में बदमाश हैं लेकिन हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे।”
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सीएम ने कहा, “घटना को लेकर राज्य भर में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं।
आरोपी नंबर एक, जिसे पहले गिरफ्तार किया गया था, कल उसका घर महिलाओं ने जला दिया था।
मणिपुर का समाज महिलाओं के खिलाफ अपराध के खिलाफ है। वे महिलाओं को अपनी मां मानते हैं।यह विरोध आरोपियों को सजा दिलाने के लिए सरकार का समर्थन करने के लिए है।”
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने घटना को ‘‘अमानवीय’’ करार दिया और कहा कि अपराधियों को ‘‘मृत्युदंड’’ मिलना चाहिए। घटना की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे मानवता के प्रति अपराध बताया और कहा कि उनकी सरकार इस जघन्य अपराध पर चुप नहीं रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीडियो देखते ही उन्होंने साइबर अपराध विभाग से इसका सत्यापन करने को कहा और अपराधियों को पकड़ने के लिए अधिकारियों को व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान चलाने का निर्देश दिया।
सिंह ने आगे कहा कि उनकी सरकार राज्य में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और इसके तहत अलग-अलग समुदायों के विभिन्न सिविल सोसाइटी संगठनों, उद्यमियों, धार्मिक नेताओं से बातचीत की जा रही है।