आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए बुरी खबरों को सिलसिला जारी है। पाकिस्तानी रुपया (PKR) का गुरुवार को बुरा हाल देखने को मिला। यह डॉलर के मुकाबले 19 रुपया लुढ़क गया।
एक्सचेंज कंपनी एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान (ECAP) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है।
पाकिस्तानी रुपया में 7.04 फीसदी की गिरावट अपने आप में एक रिकॉर्ड है। विश्लेषकों ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ जारी सरकार के गतिरोध को इस गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को PKR प्रति डॉलर 266.11 रुपया पर बंद हुआ।
IMF फंडिंग में देरी के कारण पाकिस्तान के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, टॉपलाइन सिक्योरिटीज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद सोहेल ने बताया कि आईएमएफ से फंडिंग में देरी पाकिस्तान के रुपया का बुरा हाल कर रही है।
पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच लोन को लेकर चल रहे मतभेद को देखते हुए लोन मिलना मुश्किल लग रहा है। यही कारण है कि पाकिस्तानी रुपया ने डुबकी लगा दी।
पाक अधिकारियों ने आरोप लगाया कि आईएमएफ उनके साथ सदस्य का नहीं बल्कि भिखारियों जैसा बर्ताव कर रहा है।
पाकिस्तान को अब तत्काल IMF की मदद की जरूरत है। पड़ोसी देश दिवालिया होने की कगार पर है। गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे इस देश पर कई अन्य देशों का कर्ज आ रहा है।
इसका विदेशी मुद्राभंडार मात्र 3 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। यानी इसे अब बाहर से सामान आयात करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसी स्थिति में पाकिस्तान को अब तत्काल आईएमएफ के साथ डील की जरूरत है। इससे पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर के लोन की नई किश्त मिलेगी। साथ ही यह अन्य देशों जैसे सऊदी अरब और यूएई से लोन भी चुका सकेगा।