भारतीय जनता पार्टी की त्रिपुरा फतह में सबसे बड़ी भूमिका मुख्यमंत्री माणिक साहा की मानी जा रही है।
चुनाव से कुछ समय पहले ही प्रदेश की कमान संभालने वाले साहा को इस बार भी मुख्यमंत्री पद का बड़ा दावेदार माना जा रहा है। हालांकि, अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि भाजपा बदलाव पर विचार कर रही है।
साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी राज्य में महिला मुख्यमंत्री का फॉर्मूला अपना सकती है।
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि भाजपा केंद्रयी मंत्री प्रतिमा भौमिक के नाम पर विचार कर रही है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि साहा की अगुवाई में हुई जीत को देखते हुए शायद अभी नहीं बाद में ऐसा हो।
खास बात है कि अगर पार्टी महिला सीएम के नाम पर मुहर लगा देती है, तो पूर्वोत्तर राज्य के इतिहास में पहली बार महिला सीएम के तौर पर कमान संभालेगी।
रिपोर्ट के अनुसार, भौमिक को सीएम बनाए जाने को लेकर पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा फैसला किया गया, तो केंद्र साहा के केंद्र सरकार में बुला सकती है।’
कहा जा रहा है कि भाजपा त्रिपुरा सीएम के तौर पर भौमिक के नाम पर ऐसे समय में विचार कर रही है, जब पार्टी महिला के बीच समर्थन हासिल करने की कोशिश में है।
महिलाओं का त्रिपुरा की जीत में रोल
आदिवासी बहुल इलाकों में झटके के बाद भी राज्य में भाजपा को जीत दिलाने में महिलाओं ने बड़ी भूमिका निभाई है। निर्वाचन आयोग के आंकड़े बताते हैं कि पुरुषों के मुकाबले इस साल महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया है।
इधर, भाजपा सरकार ने सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी कोटा समेत महिलाओं के लिए कई पहल की हैं। इसके अलावा सरकार शिक्षा, आर्थिक समेत कई क्षेत्रों में महिलाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए काम कर रही है।
साइलेंट वोटर्स
कहा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पार्टी नेताओं को याद दिलाते रहे हैं कि महिलाएं भाजपा की ‘साइलेंट वोटर्स’ हैं। बीते साल उत्तर प्रदेश में भी मिली जीत का श्रेय पार्टी ने महिला मतदाताओं को दिया थ।
रिपोर्ट के अनुसार, त्रिपुरा से पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘इस संदेश को आगे बढ़ाने के लिए पार्टी नेतृत्व महिला सीएम पर विचार कर सकता है।