सैयद जावेद हुसैन, (सह संपादक), छत्तीसगढ़:
धमतरी- मुस्लिम तेली प्रीमियम लीग क्रिकेट प्रतियोगिता का दो दिवसीय आयोजन धमतरी के मिशन ग्राउंड में किया गया। इस राज्य स्तरीय स्पर्धा में धमतरी समेत आरंग, कामठी, दुर्ग, राजिम, भिलाई, गुंडरदेही, झलप की टीम ने हिस्सा लिया।
शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए धमतरी की टीम विजेता रही, जिसे 21 हजार रुपए व टीपीएल कप प्रदान किया गया। उप विजेता दुर्ग की टीम रही जिसे 15 हजार रुपए और कप दिया गया।
फाइनल मुकाबला बेहद रोमांचक रहा, जिसमे दुर्ग ने पहले खेलते हुए 78 रन बनाए, इसके जवाब में धमतरी की टीम ने 79 रन बनाकर मैच 6 विकेट से जीतकर ट्रॉफ़ी पर कब्जा जमा लिया। फाइनल मैच के मैन ऑफ दी मैच अहमद रज़ा, अमन खोखर व मैन ऑफ दी सीरीज सद्दाम तिगाला रहे।
कार्यक्रम में शामिल हुए अंजुमन इस्लामिया कमेटी के अध्यक्ष हाजी नसीम अहमद, पूर्व सदर अशफ़ाक अली हाशमी, डीपेन्द्र साहू, जगदीश रामू रोहरा, अब्दुल रज़्ज़ाक़ रिज़वी, दिलावर रोकड़िया, यूसुफ़ गोड़, सलीम रोकड़िया, गोलू रोकड़िया, इरफ़ान वीरानी, हनफ़िया मस्जिद के अध्यक्ष हाजी अब्दुल सलाम खत्री, गरीब नवाज़ मस्जिद के अध्यक्ष सय्यद नवाब अली, तनवीर उस्मान, हाजी अख़्तर गोड, हाजी मैनुद्दीन खिलची, इमरान मेमन, रसूल ख़ान, हाजी अजमल, हाजी सलीम तिगाला, हाजी सिकंदर गोड़, वसीम खिलची, हाजी अब्दुल रशीद खत्री, अनवर सोलंकी, हाजी इसराईल खिलचीं, इशाक खत्री, हसनैन तंवर, हारुन गौड़, इक़बाल खोखर, याकूब खिलची, इरफ़ान गोड़, आसिफ़ भाटी, जुनैद गोड़ उपस्थित हुए।
समाज के वरिष्ठ अब्दुल रज्जाक रिजवी ने कहा कि बिरादरी के युवाओं ने क्रिकेट स्पर्धा का बेहतरीन आयोजन किया, इससे समाज के युवाओं को अपने खेल का प्रदर्शन करने का मौका मिला वहीं ऐसे आयोजनों से समाज मे आपसी एकता व भाईचारा मजबूत होता है।
खेल में हार-जीत तो सिक्के के दो पहलू की तरह है पर जीत के लिए टीमों ने जो जज्बा दिखाया वह काबिले तारीफ है। इसी तरह जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए जज्बा दिखाना चाहिए, कोई भी काम पूरी ईमानदारी के साथ समर्पण भाव से किया जाए तो उसमे सफलता जरूर मिलती है।
खेल से शारिरिक विकास होता है, इसलिए विभिन्न खेलो में रुचि लेना जरूरी है। साथ ही शिक्षा पर खास फोकस करना चाहिए, शिक्षित समाज ही विकास करता है।
तेली बिरादरी ने अपने संघर्ष और लगन से व्यापार के क्षेत्र में कामयाबी हासिल की है, शिक्षा के क्षेत्र में भी कामयाबी की मंजिल हासिल करना है। समाज के वरिष्ठों ने युवाओं से अपील की कि सेवा कार्यो में हमेशा बढ़चढ़ कर सहयोग लेते हुए दुसरो की हमेशा मदद करे और दुसरे समाज के लोगो के साथ भी आपसी प्रेम, भाईचारे का व्यवहार कर सभी के सहयोग के लिए हमेशा तत्परता दिखाऐं, जिससे मुस्लिम तेली बिरादरी मिसाल कायम कर सके।