फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने यूक्रेन-युद्ध को लेकर रूस की सदस्यता सस्पेंड कर दी है।
एफएटीएफ ने अवैध और बिना उकसावे वाले सैन्य हमले को लेकर शुक्रवार को मॉस्को के खिलाफ यह कदम उठाया।
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। FATF ने कहा कि रूसी सैन्य कार्रवाई हमारे मूल सिद्धांतों के विपरीत है, जिसका उद्देश्य वैश्विक वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा और अखंडता को बढ़ावा देना है।
पेरिस में आयोजित एफएटीएफ अधिवेशन के बाद बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि रूस के यूक्रेन पर अवैध और बिना उकसावे वाले हमले के एक साल बाद FATF यूक्रेन के लोगों के प्रति गहरी सहानुभूति जताता है।
आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था ने कहा कि वह यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले की कड़ी निंदा करती है।
बयान में कहा गया कि रूस की ओर से पिछले एक साल में बर्बर और आमनवीय हमलों को तेज किया गया। साथ ही मॉस्को की ओर से महत्वपूर्ण सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया।
अमेरिका ने रूस पर लगाए नए प्रतिबंध लगाए
रूस-यूक्रेन युद्ध का एक साल पूरा होने पर शुक्रवार को अमेरिका ने भी रूसी बैंकों, कंपनियों और नागरिकों पर नए प्रतिबंध लगाए।
वाशिंगटन में जारी बयान के मुताबिक, अमेरिकी वित्त विभाग की अब तक की सबसे महत्वपूर्ण प्रतिबंध कार्रवाई में रूस के धातु और खनन क्षेत्र को भी टारगेट किया गया है। जी-7 सहयोगी देशों के समन्वय के साथ लिए गए इस फैसले का मकसद 250 लोगों और कंपनियों, शस्त्र डीलरों पर कार्रवाई के साथ ही बैंकों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाना है।
वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने एक बयान में कहा, ‘हमारे प्रतिबंधों का अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों प्रभाव पड़ा है, जिसके चलते रूस को अपने हथियारों की खेप और अलग-थलग पड़ी अर्थव्यवस्था में भरपायी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।’ इसमें कहा गया, ‘जी-7 सहयोगियों के साथ मिलकर की गई आज कार्रवाई यह दर्शाती है कि जब तक जरूरत पड़ेगी, हम यूक्रेन के साथ खड़े रहेंगे।’
जापान रूस पर नए प्रतिबंध लगाने का रखेगा प्रस्ताव
वहीं, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि वह रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का एक प्रस्ताव सात देशों के समूह जी-7 को सौंपने की योजना बना रहे हैं। किशिदा ने कहा कि वह रूस को सैन्य सहायता प्रदान करना बंद करने के लिए अन्य देशों से अपील करेंगे। उन्होंने कहा, ‘यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसके लिए हमें कानून के शासन के आधार पर शांति और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बहाल करने के वास्ते यूक्रेन का समर्थन और रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को मजबूती से आगे बढ़ाना चाहिए।’ जी-7 देशों के समूह में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं।