केंद्र की मंशा के अनुरूप बीएसपी प्रबंधन गैर परंपरागत ऊर्जा के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए टाउनशिप के उपभोक्ताओं को इसमें शामिल करने जा रहा है।
सब्सिडी दर पर उन्हें सोलर पैनल उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसे कंपनी के आवंटित मकान की छत पर स्थापित कर सकेंगे। पैनल से उत्पादित होने वाली बिजली बीएसपी खरीदेगी। जिसका समायोजन उपभोक्ता के सालभर के बिजली खपत में समायोजित किया जाएगा।
सोलर पैनल से सालभर में उत्पादन होने वाली बिजली उपभोक्ता के यहां खपत होने वाली बिजली से अधिक होगी तो अंतर की राशि का भुगतान उपभोक्ता को करना होगा।
खपत कम और उत्पादन अधिक होने की स्थिति में अंतर की राशि का भुगतान बीएसपी प्रबंधन करेगा। उत्पादन और खपत के अंतर की गणना सालभर में एक बार की जाएगी।
इस योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया 10 फरवरी से शुरू हो गई है। योजना का ठीक ढंग से प्रसार नहीं होने की वजह से लोगों को अब तक इसकी जानकारी नहीं हो पाई है।
बावजूद अब तक 200 से अधिक उपभोक्ता इसके लिए आवेदन कर चुके हैं। इस योजना को शुरू करने के साथ ही बीएसपी की टाउनशिप सेल की पहली टाउनशिप बन गई है। केंद्र की नवीन नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बीएसपी टाउनशिप में कुल 3 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य दिया है।
उपभोक्ता ऑनलाइन भी कर सकते हैं अपना आवेदन
बीएसपी क्षेत्र में कार्य करने के लिए सहमति प्रदान करने वाले सिस्टम इंटीग्रेटर का नाम एवं विवरण राष्ट्रीय पोर्टल (https://solarroofto p.gov.in) में दर्शाया गया है।
जिसमे से किसी एक को चुन सकते है। उपभोक्ता परियोजना की पोर्टल में दर्शाई गई बेंच मार्क लागत के आधार पर सिस्टम इंटीग्रेटर से आपसी सहमति अनुबंध कर कार्य करेंगे।
आवेदन दाखिल करने के बाद बीएसपी की टीईईडी जांच करेगी और बाद में नोडल अधिकारी उप महाप्रबंधक अनिल कुमार चौहान द्वारा आवेदन पर अनुमोदन दिया जाएगा। उसके बाद पैनल स्थापित करने की प्रक्रिया की जाएगी। फिर उत्पादन शुरू होगा।
पैनल स्थापित करने 3 लाख रुपए तक का आएगा खर्च
एक किलोवाट का सोलर पैनल स्थापित करने के लिए करीब 45 हजार रुपए लगेंगे। उसके बाद बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए जैसे-जैसे पैनलों की संख्या बढ़ाई जाएगी, लागत भी बढ़ती जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक 10 किलोवाट तक का सोलर पैनल लगाने के लिए आवेदक को 3 से साढ़े 3 लाख तक खर्च करना होगा।
एक किलोवाट का सोलर पैनल लगाने पर 4 से 5 यूनिट तक बिजली का उत्पादन होगा।
यदि आवेदक ने 3 किलोवाट क्षमता के पैनल लगाए, तब प्रतिदिन 15 यूनिट वाट तक बिजली का उत्पादन होगा। वहीं 10 किलोवाट तक के पैनल लगाने पर बिजली उत्पादन क्षमता बढ़कर 50 यूनिट तक हो जाएगी।
इधर आवासों में स्मार्ट मीटर भी लगाने की तैयारी है
इधर टाउनशिप के आवासों में स्मार्ट मीटर लगाने की नगर सेवाएं विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। योजना दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में 2.60 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।
जिससे फीडर और वितरण ट्रांसफार्मर (डीटी) में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। ताकि फीडर से कितनी बिजली की सप्लाई की गई और डीटी को कितनी बिजली प्राप्त हुई इसका तत्काल पता लगेगा।
योजना उपभोक्ताओं के लिए, फायदे का दावा
जानकारों के मुताबिक उपभोक्ताओं के लिए यह योजना फायदेमंद इसलिए रहेगी क्योंकि वे उत्पादित बिजली सीधे बीएसपी के ग्रिड को उपलब्ध करा देंगे।
यानि बैटरी की जरूरत नहीं रहेगी, जो कि सिस्टम का सबसे महंगा हिस्सा है। बैटरी का उपयोग सोलर पैनल से उत्पादित होने वाली बिजली को स्टोर करने में होता है। वहीं बैटरी चार-पांच साल बाद खराब होने पर नई खरीदनी पड़ती है।