केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से उसके द्वारा दोबारा भेजे गए 10 प्रस्तावों पर पुनर्विचार करने को कहा है।
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी।
एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने यह भी बताया कि इन 10 प्रस्तावों में से तीन मामलों में कॉलेजियम ने नियुक्ति के लिए अपनी पहले की सिफारिश को दोहराया है।
शेष सात प्रस्तावों पर कॉलेजियम ने उच्च न्यायालय कॉलेजियम से अतिरिक्त जानकारी मांगी है।
रिजिजू ने कहा कि सरकार को लगता है कि उसे मिली विभिन्न रिपोर्ट और सूचनाएं उसकी राय में कॉलेजियम द्वारा आगे विचार करने योग्य है, इसीलिए केंद्र ने इस तरह के दोहराए गए मामलों को पुनर्विचार के लिए उसे भेजा है, जैसा कि पहले में भी किया गया था।
उन्होंने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं, जब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सरकार द्वारा व्यक्त किए गए विचारों से सहमति जताई और अपनी दोहराई गई सिफारिशों को वापस ले लिया।
न्यायपालिका में आरक्षण का प्रावधान नहीं
सरकार ने गुरुवार को संसद में कहा कि मौजूदा नीति के तहत न्यायपालिका में आरक्षण का प्रावधान नहीं है, लेकिन न्यायाधीशों, खास कर कॉलेजियम सदस्यों से कहा गया है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए अपनी सिफारिशें करते समय वे उन वर्गों को ध्यान में रखें, जिनका पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है।