छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में भर्ती घोटाला… कोरोनाकाल की आड़ में अपने चहेतों को नौकरी पर रख लिया, न विज्ञापन निकले, न टेस्ट लिया…

डीएमएफ (जिला खनिज न्यास मद) से स्वास्थ्य विभाग में की जा रही भर्तियों में मनमानी हो रही है।

डीएमएफ के तहत नौकरी के लिए आम आदमी का पहले आवेदन, फिर वरीयता सूची, आगे स्किल टेस्ट जैसी प्रक्रिया से गुजरना है, लेकिन चहेतों को बिना विज्ञापन, बिना स्किल टेस्ट नौकरी दी जी रही है।

यही नहीं स्वास्थ्य विभाग के अफसर नियुक्ति के एवज में काम नहीं जानने वाले अपनों को नौकरी लगाने के साथ उनकी नौकरी बचा भी रहे हैं।

नौकरी से बाहर हो जाने वालों की शिकायत के बाद इस पूरे मामला का खुलासा हुआ है। एक या दो कर्मी नहीं बल्कि डीएमएफ से वायरोलॉजी लैब में रखे गए 4 हेल्थ वर्करों की नियुक्ति में मनमानी मिली है।

कोरोना की तीसरी लहर से पूर्व इन सबको रखा गया, इधर मार्च 2023 तक के लिए सेवा बढ़ा दी गई है। इनमें भी साक्षी ठाकुर नाम की टाइपिस्ट ने हाल ही सेवा से रिजाइन कर दिया तो उसकी जगह जिसे हिंदी टाइप नहीं आता, उसे बतौर टाइपिस्ट नौकरी पर रख लिया है। हैरानी वाली बात यह कि इन मनमानी में कलेक्टर की सहमति तक ली गई है।

जबकि लैब टेक्नीशियन की भर्ती पूरी प्रक्रिया से की गई

डीएमएफ से ही वायरोलॉजी लैब में 7 लैब टेक्नीशियन रखे गए हैं। इनकी भर्ती के लिए पूरी प्रक्रिया अपनाई गई है।

वर्तमान में रोज 50 आरटीपीसीआर टेस्ट किए जा रहे हैं, इसलिए सबको काम करना पड़ रहा है। यही नहीं डीएमएफ से ही जिले में कई डॉक्टरों की भी नियुक्ति की गई है। डॉक्टरों की नियुक्ति में भी प्रक्रिया का पालन हुआ है।

कागज व ग्राउंड में अंतर भी, स्वीपर दवा स्टोर में सेवारत

वॉयरोलॉजी लैब में रखे गए कर्मियों की सेवा कागज और ग्राउंड पर अलग-अलग है। दोनों स्वीपर ग्राउंड पर सीएमएचओ कार्यालय के मुख्य दवा स्टोर में सेवाएं दे रहे हैं।

टाइपिस्ट को चूंकि हिंदी टाइप नहीं आती, इसलिए टाइप करने जानने वाला दूसरा स्वीपर बीच-बीच में वायरोलॉजी लैब जाता है। जिसे टाइपिस्ट के लिए रखा वह दूसरा काम कर रही हैं।

विभाग में इन स्वास्थ्य कर्मियों की भर्तियां, जानिए

1. ऋषि कुमार शर्मा- डाटा इंट्री ऑपरेटर- सीएमएचओ कार्यालय के कर्मी का।

2. पियाशा देवांगन- हिंदी टाइपिस्ट- जीवन दीप समिति के सदस्य की रिश्तेदार।

3. राहुल ताम्रकार- सीएमएचओ दफ्तर में लिपिक का परिचित।

4. अशोक कुमार मानिकपुरी- सिविल सर्जन कार्यालय के फार्मासिस्ट है।

नियम विरुद्ध भर्ती पर अब अफसर कह रहे “डीएमएफ का नोडल मैं अभी बना हूं। वायरोलॉजी लैब में डाटा इंट्री ऑपरेटर, टाइपिस्ट व स्वीपर की नियुक्ति पहले की है।

मैंने उनकी सेवा को बढ़ाने का काम किया है। मेरे पहले डीएमएफ के नोडल डॉ. सीबीएस बंजारे थे। नियुक्ति के बारे में वह बता सकते हैं। जांच कराई जा सकती है।” -डॉ. एस के जामगड़े, नोडल, डीएमएफ फंड, सीएमएचओ कार्यालय दुर्ग जिला

एक साथ कई विज्ञापन निकले, उसी में भर्ती हुई होगी

“डॉ. जामगड़े से पहले मैं डीएमएफ का नोडल था, मुझसे पहले डीपीएम इसे देखती थी। दो साल पहले कोरोना का दौर था, ढेर सारी भर्तियां की गईं थी।

किसी विज्ञापन के तहत वायरोलॉजी लैब में भी कर्मी रखे गए होंगे। नियुक्ति प्रक्रिया मुझे बहुत ठीक से याद नहीं है। मुझे अधिक जानकारी नहीं है। इस बारे में जानकारी ली जाएगी।” -डॉ. सीबीएस बंजारे, पूर्व डीएमएफ नोडल, सीएमएचओ कार्यालय

मार्च 23 तक सबको रखा, अब नए सिरे से करेंगे भर्ती

“वॉयरालॉजी लैब में एक डाटा इंट्री ऑपरेटर, दो स्वीपर की भर्तियां कोरोनाकाल की हैं। पूर्व में रखी गई टाइपिस्ट के रिजाइन देने के बाद एक को बतौर टाइपिस्ट रखा गया है।

सबकी सेवाएं मैंने मार्च 2023 तक के लिए बढ़ाई है। उसके बाद नई प्रक्रिया से भर्ती करेंगे। जानकारी ली जाएगी कि आखिर नियुक्तियां किन परिस्थितियों और किन नियमों के तहत की गई। मामला संज्ञान में आया है। जांच करा लेंगे।” -डॉ. जेपी मेश्राम, सीएमएचओ, दुर्ग

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