राज्य सरकार ने लागू की है नई फिल्म पॉलिसी 2021, स्थानीय निर्माता को मिल रहा लाभ
संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने बुधवार को महासमुंद जिले के ग्राम बिरबिरा में फिल्म सिटी निर्माण के लिए स्थल निरीक्षण किया।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नई फिल्म पॉलिसी 2021 लागू किया गया है।
फिल्म पॉलिसी में फिल्म निर्माता, निर्देशकों और कलाकारों के लिए अनेक रियायती प्रावधान किए गए है।
छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग को दक्षिण भारतीय, मराठी, बंगाली सहित अन्य प्रांतों की तरह ही वृहद स्वरूप प्रदान करने के उद्देश्य से नया रायपुर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में फिल्म सिटी निर्माण के लिए स्थलों को चिन्हांकित किया जा रहा है।
इसी कड़ी में मंत्री भगत के नेतृत्व में अधिकारियों का दल महासमुंद जिले के ग्राम बिरबिरा में भूमि का मुआयना किया।
संस्कृति मंत्री भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ फिल्म नीति बनने के बाद प्रदेश में फिल्म उद्योग से जुड़े हजारों कलाकारों, टेक्निशियनों और निर्माता-निर्देशकों सहित स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिल रहा है।
संस्कृति मंत्री ने निरीक्षण के दौरान कहा कि यहां फिल्म सिटी बनाने के लिए उपयुक्त स्थल है। फिल्म सिटी के माध्यम से संस्कृति एवं पर्यटन को राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान बनेगी।
फिल्म सिटी बनने से आस-पास के पर्यटन स्थलों पर भी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। साथ ही स्थानीय युवाओं को अधिक-से-अधिक रोजगार का अवसर उपलब्ध होगा।
मंत्री भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ऐसे अनेक मनोरम स्थान हैं, जो फिल्मों के शूटिंग के लिहाज से बेहतर हैं।
फिल्म नीति के साथ ही राज्य सरकार की नीतियों से अब ऐसा वातावरण तैयार हुआ है, जिससे अन्य प्रदेशों के फिल्मकारों की रुचि भी छत्तीसगढ़ को लेकर बढ़ी है।
संस्कृति मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा फिल्म सिटी बनाने का मकसद छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माण को बढ़ावा देना, फिल्म शूटिंग के लिए छत्तीसगढ़ को सेंट्रल हब के रूप में डेवलप करना, विनिर्माण क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करना है।
इससे फिल्म के क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा भी मिलेगा। यहां के कलाकारों द्वारा दर्शकों के मनोरंजन के साथ फिल्मों के माध्यम से अपनी संस्कृति को लेकर गौरव की अनुभूति होगी।
इसी तरह प्रदेश की कला और संस्कृति पर बनाये जाने वाले फिल्म, सिरीयल और वेब सीरिज के माध्यम से आगे बढेगी उन्होंने बताया कि फिल्म नीति के तहत फीचर फिल्म, वेब सीरीज, टीवी सीरियल्स और रियाल्टी शो तथा डाक्यूमेंट्री फिल्म के निर्माण, फिल्मांकन के लिये सुविधा व प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सफर 1965 में ‘‘कहि देबे संदेश’’ और ‘‘घर-द्वार’’ से शुरू हुआ है।
निरीक्षण के अवरसर पर मौजूद महासमुंद जिले के कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने बताया कि यहां राजस्व की लगभग 327 एकड़ जमीन चिन्हांकित की जा रही है।
राष्ट्रीय राजमार्ग से ग्राम बिरबिरा लगभग 4-5 किलोमीटर की दूरी पर है। रायपुर से लगभग 50 किलोमीटर, ऐतिहासिक पर्यटन स्थल सिरपुर, कोडार जलाशय, बारनवापारा सहित अन्य पर्यटन स्थल भी स्थित है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार गौरव द्विवेदी, राज्य पशु कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष आलोक चन्द्राकर, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के सदस्य मोहित ध्रुव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी गण भी उपस्थित थे।