दक्षिण अमेरिकी देश इक्वाडोर में जेंडर चेंज कराने का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है।
यहां एक शख्स ने बेटियों को साथ रखने के लिए अपना लिंग-परिवर्तन करा लिया। इस व्यक्ति का नाम रेने सेलिनास रामोस है जो 47 साल का है।
दरअसल, रामोस की पत्नी उनसे अलग रह रही थीं मगर वह अपनी बेटियों से दूर नहीं होना चाहते थे।
इसलिए उन्होंने बेटियों को साथ रखने का कानूनी अधिकार हासिल करने के लिए पुरुष से महिला बनने का फैसला किया।
न्यू यॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, रामोस ने यह कदम अपनी बेटियों को मां जैसा ही प्यार देने के मकसद से उठाया है।
उन्होंने कहा कि मैंने जो भी किया है वह सिर्फ इसलिए कि एक मां जिस तरह का प्यार और सुरक्षा अपने बच्चों को दे सकती है, वो मैं भी कर सकूं।
मालूम हो कि इक्वाडोर में जेंडर चेंज कराने का कानूनी अधिकार मिला हुआ है। यहां 2015 में इस तरह का कानून लागू हुआ जिसके तहत देश की जनता को यह कानूनी हक दे दिया गया।
‘मां के घर अपमानजनक माहौल में रह रहीं बेटियां’
रामोस के ऑफिशियर आईडी कार्ड के अनुसार अब वह ‘फेमेनिनो’ हैं। हालांकि, अभी भी वह खुद को सिजेंडर मेल के रूप में ही पेश करते हैं।
रामोस का दावा है कि उनकी दोनों बेटियां अपनी मां के घर में अपमानजनक माहौल में रह रही हैं। उन्होंने कहा कि वह पिछले पांच महीनों में उन्हें नहीं देख पाए हैं।
ध्यान रहे कि बेटियों की कस्टडी को लेकर कानूनी लड़ाई अब भी जारी है।
‘अब मैं खुद महिला हूं और मां भी हूं तो…’
रेने सेलिनास रामोस कहते हैं कि इक्वाडोर में बच्चों को साथ रखने का कानूनी अधिकार महिलाओं के पास है।
इस तरह अब मैं एक महिला हूं और मां भी हूं। ऐसे में मुझे अपनी बेटियों को अपने साथ रखने का अधिकार मिलना चाहिए।
हालांकि, यह मामला अब तक सुलझा नहीं है और जब तक केस चलता रहेगा तब तक बेटियां अपनी मां के साथ ही रहेंगी।
रामोस कहते हैं कि मैं जल्द से जल्द अपनी बेटियों से मिलना चाहता हूं, इसलिए केस के फैसले में देरी नहीं होनी चाहिए।