मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बीते चार सालों में हर व्यक्ति को न्याय, सम्मान और स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ने का बेहतर अवसर मिला है।
इसके फलस्वरूप राज्य में सभी वर्ग के लोगों में समृद्धि आई है और उनका जीवन खुशहाली से भर उठा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज शाम राजधानी के निजी होटल में साधना न्यूज समूह द्वारा आयोजित ‘‘दो दूनी-चार खुशियां अपार’’ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने चर्चा-परिचर्चा में भाग लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के समन्वित विकास के लिए हमने न्याय को आधार बनाकर सुशासन की एक संकल्पना गढ़ी थी।
इनमें सभी वर्गों को समाज में उचित सम्मान मिले और वे पूरे आत्मसम्मान के साथ आगे बढ़ सके। इसे लेकर हमारी सरकार द्वारा कई न्याय योजनाएं शुरू की गई।
हमारी सरकार द्वारा चलाई जा रही इन जनकल्याणकारी योजनाओं के परिणाम धरातल पर साफ-साफ दिखाई देने लगे हैं।
इससे राज्य में सभी वर्ग के लोगों को उन्नति के भरपूर अवसर मिले और उनके जीवन में समृद्धि आई है।
मुख्यमंत्री बघेल ने इस तारतम्य में छत्तीसगढ़ में 2 अक्टूबर 2019 से संचालित सुराजी गांव योजना का जिक्र करते हुए बताया कि इसके तहत प्रदेश में जल संरक्षण, पशु संवर्धन तथा पोषण प्रबंधन को बढ़ावा मिला है और इससे गांव-गांव स्वावलंबी होने लगे हैं।
ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर ही बड़े तादाद में रोजगार के अवसर सुलभ हुए हैं और उनकी आय में भी वृद्धि हुई है।
इसी तरह गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना आदि से समाज के एक बड़े वर्ग किसानों, पशुपालकों और खेतीहर मजदूरों को आर्थिक संबल मिला है।
इसी तरह समर्थन मूल्य पर लघु वनोपजों आदि की खरीदी से आदिवासी-वनवासी संग्राहकों को इनका संग्रहण का भरपूर लाभ मिलने लगा है।
मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि राज्य में लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमी प्रतिकूलता, कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती थी।
फलस्वरूप कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, यांत्रिकीकरण तथा कृषि तकनीकी आदि में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते थे।
इसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार द्वारा राज्य में कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत में राहत देने कृषि इनपुट सब्सिडी हेतु राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू की गई है।
इसी तरह गांव-गांव में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए गोधन न्याय योजना लागू की गई है।
दो रूपए किलो में गोबर खरीदी की यह योजना काफी लोकप्रिय हुई है और इस योजना को देश के अन्य राज्य भी अपनाने के लिए आगे आ रहे हैं।