छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के प्रथम दिवस आज सदन में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य स्वर्गीय श्री मंगलराम उसेंडी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने स्वर्गीय श्री मंगलराम उसेंडी के निधन का उल्लेख किया।
उन्होंने श्री उसेंडी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि स्वर्गीय श्री उसेंडी 1990 में कोंडागांव से निर्वाचित हुए थे।
सामाजिक कार्यों, वानिकी, खेलों में उनकी रुचि थी। उनके निधन से हमने एक अनुभवी राजनीतिज्ञ को हमेशा के लिए खो दिया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्री मंगलराम उसेंडी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे आदिवासी समाज के बुजुर्ग आदिवासी नेता थे।
उनकी समाजसेवा में रुचि थी। उन्होंने राजनीति को समाजसेवा का माध्यम बनाया। मुख्यमंत्री ने उनके शोकाकुल परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की।
नेताप्रतिपक्ष नारायण चंदेल, विधायक मोहन मारकम, बृजमोहन अग्रवाल ने भी सदन में स्वर्गीय श्री उसेंडी को श्रद्धांजलि दी। स्वर्गीय श्री मंगलराम उसेंडी के सम्मान में सदन में मौन रखा गया।