छत्तीसगढ़ पुलिस का अनोखा ”घर वापसी” अभियान,सटोरियों को लोक-लुभावन ऑफर चर्चा में,देखे वीडियो

छत्तीसगढ़ पुलिस का अनोखा ”घर वापसी” अभियान,सटोरियों को लोक-लुभावन ऑफर चर्चा में,देखे वीडियो

रायपुर : छत्तीसगढ़ पुलिस का एक अभियान देश भर में चर्चित हो रहा है। यह अभियान आदतन सटोरियों और कई सफ़ेदपोश अपराधियों के लिए वरदान साबित हो रहा है।

आप भी जानकार हैरान हो जायेंगे कि इलाके की पुलिस इस घर वापसी अभियान को लेकर कितनी सक्रीय है। उसका ऑफर सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है।ये ऑफर महादेव एप्प के सटोरियों के लिए है।

पुलिस के दावों यकीन करें तो महादेव एप्प में भर्ती हुए लोग यह कार्य छोड़कर पुराने कार्य में लग जाए।अभी उन्हें सामान्य जुआ एक्ट में छूटने का मौका मिलेगा,लेकिन बाद में अन्य एजेंसियों के घुस जाने से गंभीर धाराओं में कार्यवाही होगी।

दिलचस्प बात यह भी है कि पुलिस कई आरोपियों और सफेदपोश अपराधियों को उनके काले कारनामो के लिए सिर्फ सामान्य धाराओं में बेलेबल अफेन्स दर्ज करने का ऑफर दे रही है।

जबकि इस ऑफर का समय पर लाभ न उठाने वालो को जिले के कप्तान केंद्रीय एजेंसियों की जाँच में गंभीर धाराओं के तहत नान बेलेबल अफेन्स में फंसने की चेतावनी दे रहे है।

मामला महादेव एप के जरिये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सट्टा कारोबार को मिल रहे पुलिसियां और सरकारी संरक्षण से जुड़ा है। छत्तीसगढ़ में महादेव एप का देशी मुख्यालय दुर्ग जिले का भिलाई इलाका बताया जा रहा है।

बताते है कि इस जिले से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत 5 मंत्री निवासरत है।इसमें सिचाई मंत्री रविंद्र चौबे, PHE मंत्री रूद्र गुरु, महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़ियाँ और प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।

तमाम मंत्रियों के गृह नगर और उनके इलाके में दुर्ग के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव का महादेव एप के गैरकानूनी सट्टा बाजार और उसके कारोबारियों को खुला ऑफर क्यों दे रहे है ? इसे लेकर क़ानूनी जानकारों और सट्टा कारोबारियों के बीच माथापच्ची हो रही है।

यही नहीं इस गैरकानूनी ऑफर को लेकर तमाम मंत्री चुप्पी साधे हुए है। लोगो को भी समझ नहीं आ रहा है कि ऑफर का रहस्य क्या है ? जो अपराध अभी सामान्य धाराओं में छूटने का प्रावधान तय कर रहा है ,

वो केंद्रीय एजेंसियों के घुसने के बाद गंभीर धाराओं में कैसे तब्दील हो जाएगा ? आखिर पुलिस ने इस ऑफर के लाभार्थियों के लिए क्या मापदंड तय किए है।

ये ऑफर केंद्रीय एजेंसियों के लिए भी जांच का विषय बताया जा रहा है। महादेव एप्प की जांच को लेकर दुर्ग पुलिस की कार्यवाही इस ऑफर के चलते विवादों में घिरी बताई जाती है।

सवाल उठ रहा है कि क्या पुलिस अपराधियों के लिए ऐसे ऑफर किसी गुप्त राजनैतिक एजेंडे के तहत लागू कर रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस का यह ऑफर खासतौर पर उन लोगो के लिए वरदान साबित हो रहा है जो ED और CBI की संभावित कार्यवाही से सतर्क है। घर वापसी अभियान की तर्ज पर बताया जा रहा,

पुलिस का यह अभियान प्रभावशील बताया जा रहा है। बताते है कि बगैर ED अर्थात प्रवर्तन निर्देशालय के निर्देश पर महादेव एप के कई आरोपियों को क्लीनचिट देने की तैयारी जोर – शोर से चल रही है।

दुर्ग के एसएसपी अभिषेक पल्लव इस घर वापसी अभियान पर कुछ अनोखे तर्ज पर ऑफर दे रहे है। वो कोई रहस्मय अंदेशा जाहिर करते हुए बता रहे है कि अब महादेव एप में कई केंद्रीय एजेंसियां घुस गई है।

इस दौरान उनकी जुबान भी फिसलती है। फिर वे कई आरोपियों के लिए घर वापसी अभियान की उन शर्तों और ऑफर का खुलासा करते है जिसके लिए उन्हें उच्चाधिकारियों और सम्भवता सरकार से हरी झंडी मिली है।

महादेव एप की जाँच अब प्रवर्तन निर्देशालय काफी पहले से महादेव एप की जाँच को लेकर गंभीर है। विदेशो से लेकर छत्तीसगढ़ के दुर्ग तक इस सिंडिकेट में शामिल लोगो की पड़ताल जारी है।

सूत्रों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों अपनी जाँच पूरी कर ED इस गैरकानूनी कारोबार के असल गुनाहगारो को धर – दबोचने के लिए मामला CBI को सौंप सकती है।

बताते है कि इसी अंदेशे के चलते कई सफ़ेदपोश आरोपी समय रहते छत्तीसगढ़ पुलिस से क्लीनचिट प्राप्त करने के लिए हाथ – पांव मार रहे है। छत्तीसगढ़ पुलिस के इस घर वापसी अभियान की महँसा पर कानून के जानकारों समेत कई लोग सवाल खड़े कर रहे है। उन्हें पुलिस के इस खुले ऑफर से हैरानी हो रही है।

महादेव एप मामले की जाँच को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के सलाहकार विनोद वर्मा का मामला भी सुर्खियों में है। बताते है कि विनोद वर्मा रायपुर में निवासरत है।

लेकिन महादेव एप्प के मामले में  क्लीनचिट पाने और इसकी जाँच को लेकर उन्होंने रायपुर के बजाय दुर्ग जिले के सुपेला थाने में कोई  शिकायत दर्ज कराइ है।

इस शिकायत पर फौरी कार्यवाही करते हुए, दुर्ग पुलिस के कई अफसर भोपाल में वरिष्ठ पत्रकार विजया पाठक के आवास में दाखिल हो गए थे।

विजया पाठक के मुताबिक उनसे महादेव एप के स्रोत और दस्तावेजों की पुलिस द्वारा मांग की गई थी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारी बगैर नोटिस और अन्य वैधानिक कार्यवाही किये उनके आवास में दाखिल हुए थे। बताते है कि इस मामले की जाँच राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा भी प्रस्तावित की गई है।

उधर मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा पहले से ही छत्तीसगढ़ के सेक्स CD कांड मामले में अभियुक्त है। इस मामले की जाँच सीबीआई कर रही है।

वही महादेव एप को लेकर एक बार फिर विनोद वर्मा सुर्खियों में बने हुए है। न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ से चर्चा करते हुए विनोद वर्मा ने कहा कि उन्होंने महादेव एप को लेकर एक प्रकाशित खबर के मामले में पुलिस में शिकायत की है।

लेकिन वर्मा ने रायपुर के बजाय दुर्ग में शिकायत दर्ज कराये जाने को लेकर स्थिति साफ़ नहीं की। उन्होंने इस मामले में ज्यादा कुछ कहने से इंकार कर दिया। दुर्ग से पुलिस टीम का बगैर किसी ठोस नोटिस और दस्तावेजों के अचानक भोपाल पहुंचने का मामला विवादों से घिरता जा रहा है।

बताते है कि पीड़ित पत्रकार विजया पाठक ने छत्तीसगढ़ पुलिस पर अवैधानिक कार्यवाही का आरोप लगाकर मामले की शिकायत कई फोरम में की है। देखे वीडियो

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