चीन समेत पूरी दुनिया इस वक्त कोविड-19 संक्रमण के नए वैरिएंट के तेजी से बढ़ रहे मामले से परेशान है।
भारत में भी इसके मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि वे सभी मरीज ठीक हो चुके हैं।
माना जा रहा है कि चीन में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में ताजा उछाल कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट के BF.7 सब-वैरिएंट के कारण है।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि BF.7 सब वैरिएंट ने तबाही मचाई है। इसी साल अक्टूबर में, BF.7 सब वैरिएंट ने संयुक्त राज्य अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में पुराने वैरिएंट की जगह लेकर तहलका मचाया था।
क्या है BF.7 सब-वैरिएंट
जब वायरस म्यूटेट होते हैं, तो वे वंशावली (Lineages) और उप-वंश (Sub-Lineages) बनाते हैं, जैसा कि मुख्य SARS-CoVid-2 से शाखाएं और उप-शाखाएं निकली हैं।
BF.7 सब बैरिएंट भी BA.5.2.1.7 के जैसा ही है, जो Omicron वैरिएंट के सब वैरिएंट BA.5 की नई सब वैरिएंट है।
क्या कहता है रिसर्च?
इस महीने की शुरुआत में ‘सेल होस्ट एंड माइक्रोब’ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि BF.7 सब-वेरिएंट मूल D614G वेरिएंट की तुलना में 4.4 गुना अधिक न्यूट्रलाइज़ेशन प्रतिरोधी है।
इसका सीधा सा अर्थ यह है 2020 में दुनिया भर में फैले मूल वुहान वायरस की तुलना में एक टीकाकृत या संक्रमित व्यक्ति से निर्मित एंटीबॉडी में BF.7 को नष्ट करने की संभावना कम है।
स्टडी में कहा गया है कि BF.7 सबसे लचीला सब-वैरिएंट नहीं है बल्कि स्टडी ने सूचना दी है कि BQ.1 नामक एक अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट में 10 गुना से अधिक उच्च न्यूट्रलाइजेशन प्रतिरोधी है।
उच्च न्यूट्रलाइजेशन प्रतिरोध का मतलब क्या?
किसी भी सब वैरिएंट में उच्च न्यूट्रलाइजेशन प्रतिरोध का मतलब है कि किसी आबादी में उस वैरिएंट के फैलने और अन्य वेरिएंट के रूप में उसके बदलने की आशंका ज्यादा है।
अक्टूबर में अमेरिका में BF.7 सब-वैरिएंट के 5% और ब्रिटेन में 7.26% से अधिक मामले थे। पश्चिमी वैज्ञानिक इस वैरिएंट को करीब से देख रहे थे।
हालाँकि, इन देशों में इस वैरिएंट से पीड़ित लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में कोई बड़ी वृद्धि दर्ज नहीं हुई थी।