कुम्हारी में जयंती पर गुरु बाबा घासीदास जी का पुण्य स्मरण
बाबा गुरु घासीदास जी ने हमें जीवन जीने की कला सिखाई। यह उनकी सबसे बड़ी देन है जो हमें रास्ता दिखा रही है।
उनके मूल्य सभी के लिए पथ प्रदर्शक हैं। यह बात मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कुम्हारी में सतनाम समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही।
मुख्यमंत्री ने कुम्हारी में समाज के भवन में अतिरिक्त कक्ष और मंच की घोषणा भी की। साथ ही नागरिकों की मांग पर जिम सामग्री भी वितरित की। इस मौके पर स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि गुरु घासीदास जी की जयंती हम हर साल उत्साह से मनाते हैं। महापुरुष अलग-अलग समय में जन्म लेते हैं और समाज को रास्ता दिखाते हैं।
गुरु घासीदास जी ने कठोर तप किया और सत्य ही ईश्वर है का उद्घोष किया। गुरु जी ने मनखे-मनखे एक समान का संदेश दिया। उनके संदेश की विशेषता थी कि सबको आसानी से समझ आ जाएं। सत्य के मार्ग पर चलने से ही शांति आती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के सभी वर्गों के लिए हमने कार्य किया है। यहां कुम्हारी का गौठान ही देख लें, कितना सुंदर आजीविका गतिविधियों का काम हो रहा है।
स्वामी आत्मानंद स्कूल के माध्यम से हम अंग्रेजी शिक्षा बढ़ा रहे हैं। अंग्रेजी के साथ हम छत्तीसगढ़ी और संस्कृत भी पढ़ा रहे हैं।
बाबा जी के संदेश छत्तीसगढ़ी में है उन्हें भी हम सहेज कर रखें, इसके लिए छत्तीसगढ़ी भाषा पढ़ाने का भी कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सभी सरकारी भवनों के जीर्णाेद्धार के लिए एक हजार करोड़ रुपये की योजना बनाई है।
आईटीआई के उन्नयन के लिए और यहां आधुनिक मांग के अनुरूप ट्रेड जोड़ने 12 सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
उन्होंने कहा कि इस बार अब तक 58 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है और इसका भुगतान किया गया है। भूमिहीन किसानों के लिए भी हम काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी का जो रास्ता है उस पर समाज को चलना है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सभी वर्ग को साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उनका छत्तीसगढ़ मॉडल पूरे देश में सराहा जा रहा है।
इस मौके पर दुर्ग जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र साहू, नगर पालिका अध्यक्ष श्री राजेश्वर सोनकर एवं समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।