देश की ट्रेडर्स बॉडी चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने शनिवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर माल और ई-कॉमर्स की आयात नीति में बदलाव करके हर सामान पर मूल देश का नाम लिखना अनिवार्य बनाने का आग्रह किया है।
देश की ट्रेडर्स बॉडी का यह कदम ऐसे समय आया है जब भारत-चीन तवांग गतिरोध के बीच दिल्ली में व्यापारियों ने चीनी उत्पादों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
कनॉट प्लेस में चीनी सामान के बहिष्कार के विरोध के बाद चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने हर उत्पाद पर मूल देश लिखने की मांग दोहराई।
सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि जब लोग चीनी उत्पादों को खरीदना नहीं चाहते हैं, तब भी वे उन्हें खरीद लेते हैं।
क्योंकि सामानों पर मूल देश का उल्लेख नहीं किया जाता है। गोयल ने कहा कि चीन भारतीय बाजारों से पैसा कमाता है और भारत के खिलाफ इसका दुरुपयोग कर रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर भारतीय कारोबारी और उपभोक्ता चीनी सामान का बहिष्कार करते हैं तो चीन को होश आ जाएगा।
सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने आगे कहा कि मौजूदा समय में इस समस्या के कारण सरकार से आयात किए गए हर सामान पर मूल देश का नाम लिखना जरूरी करने का आग्रह किया गया है।
गोयल ने कहा कि इस साल के पहले 9 महीनों में चीन के साथ व्यापार 103।63 अरब डॉलर रहा है। जिसमें देश का व्यापार घाटा 75।69 अरब डॉलर रहा। देश ने चीन से इस दौरान 89।66 अरब डॉलर का आयात किया।
गोयल ने कहा कि अभी बाजार में मौजूद कई सामानों के बारे में ये पता नहीं चल पाता है कि वे कहां पर बनाए गए हैं।
खासकर ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर मौजूद सामानों के मूल देश की जानकारी ग्राहकों को नहीं हो पाती है। ऐसे में जो लोग चीनी सामान नहीं खरीदना चाहते हैं, वे भी मजबूरी में चीनी सामानों को खरीद रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर सामानों पर मूल देश का नाम लिखा होगा तो भारतीय लोग चीनी सामानों का बहिष्कार कर सकेंगे।
केंद्र सरकार को ऐसी ट्रेड पॉलिसी बनाने के लिए काम करना चाहिए। साथ ही सरकार को ई-कॉमर्स नीति में भी जरूरी सुधार के बारे में सोचना चाहिए।