भोपाल. आज से निगमकर्मी हड़ताल पर हैं और सुबह से न तो कचरे की गाड़ियां चल रही है न तो पानी की सप्लाई का कार्य जारी हैं। ऐसे में एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसमें एक वरिष्ठ अधिकारी ने हड़ताल पर गए निगम कर्मचारियों को दी भद्दी – भद्दी गालियां । जब इस बारे में मालती राय से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह मामला अभी उनके प्रकाश में आया है। उन्होंने कहा कि अभद्रता के शब्द कहीं नहीं चलेंगे।
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Bhopal Strike : हड़ताल से राजधानी में हर जगह दिखा कचरा, पानी को तरसे लोग
Bhopal Strike for Nigamkarmi : भोपाल. राजधानी भोपाल में आज से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर निगमकर्मी चले गए हैं जिस कारण राजधानी के कई इलाकों में कचरे का अंबार लग गया हैं और कई इलाकों में पानी की समस्या से भी लोग जूझ रहे हैं। नगर निगम के 10 हजार से ज्यादा विनियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
बता दें कि, इन्हीं कर्मचारियों के जिम्मे शहर की सफाई, पानी सप्लाई सहित अन्य जरूरी सेवाएं हैं। निगमकर्मियों के हड़ताल पर जाने से शहर में पानी की सप्लाई और सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। वार्डों में टैक्स कलेक्शन के साथ अन्य सभी काम भी ठप हो गए हैं। आरिफ नगर में सुबह 11 बजे से सैकड़ों कर्मचारी इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करने लगे।
पहले कर चुके हैं घेराव
12 कर्मचारी संगठनों के बैनर तले 5 हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने आईएसबीटी स्थित निगम कार्यालय का घेराव किया था। अधिकारियों की कोशिशों के बाद भी कर्मचारी मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। कर्मचारी संगठनों ने साफ कर दिया है कि जब तक मांगें नहीं मानी जाती हैं, हड़ताल जारी रहेगी।
यह काम होंगे प्रभावित
सफाई व्यवस्था : नगर निगम के 8 हजार से ज्यादा सफाईकर्मी निगम सीमा की 5,000 किमी से ज्यादा सड़कों की सफाई करते हैं। इसी तरह डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहन चलाने वाले 900 ड्राइवर और 1,800 से ज्यादा रैग पिकर्स हड़ताल पर हैं। ऐसे में 3 लाख से ज्यादा घरों से कचरा नहीं उठा है।
पानी सप्लाई व्यवस्था : शहर में कोलार, नर्मदा और बड़ी झील से पानी सप्लाई का काम 800 से ज्यादा विमियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के हाथों में है। ये कर्मचारी वाटर फिल्टर प्लांटों के साथ पानी की टंकिंयों पर तैनात हैं। सबसे अहम काम वॉल्व मैन का है, जो सप्लाई के दौरान पाइप लाइन का वॉल्व खोलने और बंद करने का काम करता है। ये सभी कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे।
कहां, कितने कर्मचारी हड़ताल में शामिल
- जलकार्य शाखा : 600 कर्मचारी (नर्मदा, कोलार, बड़ी झील वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट)
- स्वास्थ्य शाखा : 85 वार्डों में 7,000 से ज्यादा 29 दिवसीय स्वच्छता कर्मी, 900 डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहन ड्राइवर, 1800 रैग पिकर्स।
- सीवेज प्रकोष्ठ : 200 कर्मचारी (सीवेज क्लीनिंग का काम)
- सेंट्रल वर्कशॉप : 1400 से ज्यादा टैंकर, जेसीबी, पिकअप आदि वाहन नहीं चलेंगे।
- राजस्व शाखा : 19 जोन और 85 वार्डों में तैनात 300 से ज्यादा कंप्यूटर आॅपरेटर्स और राजस्व कार्य से जुड़े 800 कर्मचारी।
- गोवर्धन परियोजना शाखा : 90 कर्मचारी
- बिजली : 200 कर्मचारी (स्ट्रीट लाइट चालू-बंद करने के साथ ही मेंटेनेंस का काम)
- अतिक्रमण शाखा : 100 कर्मचारी
- उद्यान शाखा : 110 कर्मचारी
- झील संरक्षण : 90 कर्मचारी
- हाउसिंग फॉर आल: 110 कर्मचारी
(800 से ज्यादा तृतीय और चतुर्थ श्रेणी नियमित कर्मचारियों को समर्थन। 1273 विनियमित कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे।)
3 दिन में जमा होगा 3,000 मीट्रिक टन कचरा
रोजाना शहर से 850 से 900 मीट्रिक टन कचरा उठता है। इसके अलावा डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन किया जाता है। इस कचरे को रोजाना 900 से ज्यादा मैजिक वाहनों से 12 कचरा ट्रांसफर स्टेशनों और वहां से आदमपुर छावनी पहुंचाया जाता है। हड़ताल से रोजाना 900 मीट्रिक टन कचरा नहीं उठेगा। घरों का कचरा भी सड़कों पर आ जाएगा। तीन दिन भी हड़ताल चली, तो 3,000 मीट्रिक टन से ज्यादा कचरा सड़कों पर फैल जाएगा।
पानी को तरसेंगे लोग
निगम शहर में कोलार, नर्मदा और बड़ी झील से 90 एमजीडी पानी की सप्लाई करता है। पानी का स्टोरेज होने की वजह से एक-दो दिन सप्लाई प्रभावित होने से हालात नहीं बिगड़ते। लेकिन, तीसरे दिन स्थिति बिगड़ जाती है। हड़ताल में फिल्टर प्लांट में तैनात कर्मचारी, ओवर हैड टैंक आॅपरेटर के साथ वॉल्व मैन तक शामिल हैं। हड़ताल 3-4 दिन भी चल जाती है, तो शहर में पानी को लेकर हाहाकार मच जाएगा।