भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जमीनी स्तर पर न्यायाधीश निशाना बनाए जाने के डर से जमानत देने से हिचकते हैं।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक अभिनंदन समारोह में सीजेआई ने यह बात कही।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक अभिनंदन समारोह में सीजेआई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा, “जमानत देने के लिए जमीनी स्तर पर अनिच्छा के कारण न्यायपालिका में जमानत के ढेरों आवेदन लंबित हैं। न्यायाधीश जमानत देने को लेकर अनिच्छुक हैं, इसलिए नहीं कि वे अपराध को नहीं समझते हैं। लेकिन जघन्य मामलों में जमानत देने के लिए निशाना बनाए जाने से उनमें डर है।”
इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे। उन्होंने तबादलों को लेकर कई वकीलों के सीजेआई से मिलने पर चिंता जताई।
रिजिजू ने कहा, “मैंने सुना है कि कुछ वकील ट्रांसफर के संबंध में सीजेआई से मिलना चाहते हैं। यह एक व्यक्तिगत मुद्दा हो सकता है, लेकिन अगर यह कॉलेजियम द्वारा हर निर्णय को पलटने के लिए किया जा रहा है, तो ऐसा नहीं होना चाहिए।”
गौरतलब है कि सीजेआई चंद्रचूड़ 9 नवंबर को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश बने। उनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा।
उन्होंने मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित का स्थान लिया जो 9 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए थे।