कर्मचारियों के बड़े पैमाने पर पलायन के एक दिन बाद, कंपनी के नए बॉस एलन मस्क ने कहा कि नई ट्विटर नीति में फ्रीडम ऑफ स्पीच है, लेकिन फ्रीडम ऑफ रीच नहीं ।
“हार्डकोर वर्क” के उनके अल्टीमेटम के बाद ट्विटर पर सैकड़ों कर्मचारियों ने कल इस्तीफा दे दिया।
मस्क के अधिग्रहण के एक सप्ताह के भीतर ही कंपनी में कर्मचारियों की संख्या को पहले ही आधा कर दिया गया था।
मस्क ने कहा कि हेट ट्वीट्स को डीबूस्ट और डिमोनेटाइज्ड किया जाएगा। इसलिए ट्विटर पर कोई विज्ञापन नहीं कर पाएगा।
आप किसी के ट्वीट को तभी देख पाएंगे, जब उसे खुद से ढूंढेंगे। यह उसी तरह है, जैसा कि इंटरनेट के बाकी माध्यमों में होता है।
हालांकि, यह व्यक्तिगत ट्वीट पर लागू होगा, पूरे अकाउंट पर नहीं।
मस्क ने पिछले साल कैपिटल हिंसा के बाद लगाए गए प्रतिबंध को हटाने का वादा करने के महीनों बाद पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को बहाल करने पर भी ट्वीट किया “वोक्स पोपुली, वोक्स देई”। यह एक लैटिन वाक्यांश है, जिसका अर्थ है, “लोगों की आवाज, भगवान की आवाज है।”
इससे कुछ घंटों पहले, उन्होंने कई अकाउंट्स को बहाल करने की घोषणा की थी, लेकिन ट्रंप पर कहा कि अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
इस्तीफों से बेफिक्र मस्क ने कहा, “सर्वश्रेष्ठ लोग काम कर रहे हैं, इसलिए मैं ज्यादा चिंतित नहीं हूं।”
हालांकि, इस्तीफों के कारण कंपनी के कई दफ्तरों को सोमवार तक बंद कर दिया गया है।
इस्तीफों के बीच ट्विटर के कामकाज के सुचारू रूप से जारी रहने के सवाल पर मस्क ने कहा, यूजर्स के ट्वीट के मामले में ट्वीटर एकबार फिर ऑल टाइम हाई पर रहा।