बदरीनाथ एवं समीपवर्ती अधीनस्थ मंदिर चंद्रग्रहण के दौरान 8 नवंबर को सुबह से ही बंद हो गये हैं।
श्री बदरीनाथ मंदिर सहित मां लक्ष्मी मंदिर, मातामूर्ति मंदिर, आदिकेदारेश्वर मंदिर, श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ, वासुदेव मंदिर, दुर्गा मंदिर,योग बदरी पांडुकेश्वर, ध्यान बदरी उर्गम, भविष्य बदरी मंदिर सुभाई, तपोवन, श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ, द्वितीय केदार मद्महेश्वर, श्री त्रिजुगीनारायण मंदिर, कालीमठ मां काली मंदिर, श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी गोपाल जी मंदिर नंदप्रयाग, नव दुर्गा मंदिर टिहरी, सदगुरु धाम मंदिर सेरा, मां दुर्गा चंद्रवदनी मंदिर कारगी चौक देहरादून सहित सभी छोटे- बड़े मंदिर ग्रहणकाल में बंद हो गये हैं।
मंदिर समिति के अधीनस्थ तथा दस्तूरधारी सभी मंदिर ग्रहणकाल के सूतक शुरू होते बंद हो गये ।
ज्योतिषीय समय गणनानुसार संपूर्ण ब्रह्मांड में चंद्र ग्रहण दिन में एक बजकर बत्तीस मिनट पर शूरू होगा।शायं 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि पंचांग गणना के अनुसार भारत वर्ष में चंद्र ग्रहण शाम पांच बजकर 32 मिनट पर शुरू होगा तथा शाम 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो रहा है।
इस तरह ग्रहणकाल सीमित रहेगा। लेकिन सूतककाल के चलते मंदिर प्रात:काल से ही बंद किये गये ।
श्री बदरीनाथ मंदिर सहित मंदिर समिति के अधीनस्थ तथा दस्तूरधारी सभी छोटे बड़े मंदिर प्रात: 8 बजकर 15 मिनट पर बंद किये गये।इससे पूर्व अभिषेक, पूजा अर्चना दर्शन अभिषेक तथा बाल भोग लगाया गया ।
ग्रहणकाल के पश्चात शाम 6 बजकर 25 मिनट पर मंदिर खुल जायेंगे। शुद्धिकरण के पश्चात अभिषेक पूजा संपन्न होगी।