निजी मेडिकल कॉलेजों में एमडी-एमएस में 6 से 8.5 लाख के बीच रहेगा शुल्क, फॉर्मेसी-इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों का भी ढांचा तय…

छत्तीसगढ़ की प्रवेश और फीस विनियामक समिति ने प्रदेश के दो निजी मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स और निजी कॉलेजों में फाॅर्मेसी के विभिन्न पाठ्यक्रमों का शुल्क तय कर दिया है।

कॉलेजों से विस्तृत दस्तावेज नहीं मिलने की वजह से यह निर्धारण अंतरिम है। पाठ्यक्रमों के शुल्क में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है।

इन कॉलेजों से कहा गया है कि विद्यार्थियों से निर्धारित दर के अतिरिक्त कोई भी अतिरिक्त शुल्क न लिया जाए।

प्रवेश तथा फीस विनियामक समिति के अध्यक्ष प्रभात कुमार शास्त्री की अध्यक्षता में बुधवार को रायपुर में बैठक हुई।

इसमें दो निजी मेडिकल कॉलेजों के कुछ पीजी कोर्स के अलावा कई निजी कॉलेजों के इंजीनियरिंग और फॉर्मेसी पाठ्यक्रमों का शुल्क भी तय किया गया।

समिति के अध्यक्ष प्रभात कुमार शास्त्री ने बताया, प्रदेश के दो निजी मेडिकल कॉलेजों ने अपने कुछ पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के शुल्क निर्धारण का आवेदन ही नहीं दिया था। इसकी वजह से उन पाठ्यक्रमों में प्रवेश पर रोक लगा दिया गया था।

अब उन दोनों कॉलेजों ने आवेदन दिया है। अभी भी पूरी जानकारी समिति को नहीं दी गई है। इसके बाद भी विद्यार्थियों का हित देखते हुए MD-MS पाठ्यक्रमों के लिए अंतरिम शुल्क निर्धारण का संकल्प पारित किया गया।

बैठक में बी. फार्मेसी, डी. फार्मेसी, एम. फार्मेसी, एम.ई./एमटेक, एमसीए और पीएचडी (इंजीनियरिंग) की भी अंतरिम फीस निर्धारित की गई है। फीस में कोई बढ़ोत्तरी अभी नहीं की गई है।

सरकार की यह समिति व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के फीस ढांचे की निगरानी और नियंत्रण करती है।

मेडिकल कॉलेजों में ऐसा रहेगा शुल्क ढांचा

MD (Anaesthesiology) – 6 लाख रुपए।

MD (Dermatology) – 7 लाख रुपए।

MD (General Medicine) – 6 लाख रुपए।

MS (General Surgery) – 6 लाख रुपए।

MD (Obstetrics & Gynecology) – 6 लाख रुपए।

MS (Ophthalmology) – 6 लाख रुपए।

MS(Orthopedics) – 6 लाख रुपए।

MS (Otorhinolaryngology) – 6 लाख रुपए।

MD (Pediatrics) – 6 लाख रुपए।

MD(Psychiatry) – 6 लाख रुपए।

MD (Radiodiagnosis) – 8.50 लाख रुपए।

MD (Respiratory Medicine)- 7 लाख रुपए।

MD(Pharmacology) – 6 लाख रुपए।

MS(Ophthalmology) – 6 लाख रुपए।

फॉर्मेसी और इंजीनियरिंग में यह रहेगी फीस

समिति के मुताबिक बी. फार्मेसी में प्रति सेमेस्टर 32 हजार 950 रुपए का शुल्क लगेगा। डी. फार्मेसी के लिए प्रति सेमेस्टर 52 हजार 500 रुपए, एम. फार्मेसी के लिए प्रति सेमेस्टर53 हजार 400 रुपए का शुल्क तय हुआ है।

वहीं पीएचडी (इंजीनियरिंग) के लिए प्रति सेमेस्टर 32 हजार 875 रुपए, एम.ई./एम.टेक के लिए प्रति सेमेस्टर 30 हजार 350 रुपए का शुल्क होगा।

वहीं एमसीए के हर सेमेस्टर के लिए 30 हजार 250 रुपए की फीस तय हुई है।

अतिरिक्त शुल्क लिया तो कार्रवाई होगी

प्रवेश तथा फीस विनियामक समिति ने कॉलेजों को यह साफ कर दिया है कि विद्यार्थियों से कोई भी अतिरिक्त शुल्क न लें।

अगर अतिरिक्त शुल्क लेंगे तो इस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी निजी कॉलेज ने पहले भी ऐसा अतिरिक्त शुल्क लिया है, और उनकी शिकायत मिली तो कार्रवाई की जाएगी।

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