प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को मुंबई की एक विशेष अदालत में दाखिल आरोप पत्र में दावा किया है कि कथित टीआरपी घोटाले में रिपब्लिक टीवी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
आरोपपत्र में केन्द्रीय एजेंसी ने कहा है कि इस मामले में मुंबई पुलिस की जांच उससे अलग थी।
साथ ही ईडी ने कहा कि उसे साक्ष्य मिले हैं कि कुछ क्षेत्रीय और मनोरंजन चैनल टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (TRP) के ‘नमूने’ में हेरफेर करने में शामिल थे।
विशेष पीएमएलए अदालत के न्यायाधीश एम. जी. देशपांडे ने बुधवार को इस आरोपपत्र पर संज्ञान लिया। ईडी ने इस मामले में नवंबर, 2020 में ईसीआईआर दर्ज किया था, जो प्राथमिकी के समान है।
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस द्वारा रिपब्लिक टीवी, दो मराठी चैनलों और कुछ लोगों के खिलाफ कथित टीआरपी घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद ईडी ने ईसीआईआर दर्ज किया था।
मुंबई पुलिस ने लिया था अर्णव गोस्वामी का नाम
बता दें कि जून महीने में मुंबई पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट दाखिल की गई थी। जिसमें रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी का नाम भी सामने आया था।
लेकिन अब प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दाखिल आरोप पत्र में उनके नाम का जिक्र नहीं है। उस समय गोस्वामी के वकील ने बताया था, ‘कई अन्य लोगों के समेत पुलिस ने चार्जशीट में अर्णब गोस्वामी और एआरजी आउटलायर का नाम शामिल किया है।’
पिछले साल अक्टूबर में सामने आया था मामला
फेक टीआरपी स्कैम का मामला बीते साल अक्टूबर में सामने आया था, जबकि रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ने हंसा रिसर्च ग्रुप के जरिए शिकायत की थी।
अपनी शिकायत में BARC में रिपब्लिक समेत कुछ चैनलों को लेकर कहा था कि वे टीआरपी के नंबरों में हेरफेर कर रहे हैं।
इस संबंध में बीते साल केस फाइल हुआ था और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने रिपब्लिक टीवी के भी स्कैम में शामिल होने का जिक्र किया था।
परमबीर सिंह ने 8 अक्टूबर 2020 को कहा था कि टीआरपी रैकेट में रिपब्लिक टीवी, बॉक्स सिनेमा और फक्त मराठी शामिल हैं।