छत्तीसगढ़ में सरकार ने नवीन पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अंशदान की राशि की अंतिम निकासी पर रोक लगा दी है।
ऐसा पुरानी पेंशन योजना बहाल होने के बाद होने वाली जटिलताओं से बचने के लिए किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि पुरानी पेंशन बहाली के बाद रिटायर्ड अधिकारी-कर्मचारी अपने अंशदान की राशि निकालने लगे थे।
वित्त विभाग के संयुक्त सचिव अतीश पाण्डेय ने मंगलवार को एक निर्देश जारी किया। इसमें कहा गया, राज्य सरकार ने अप्रैल महीने से ही पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है।
अप्रैल महीने के वेतन से ही सामान्य भविष्य निधि के लिए कटौती के आदेश भी जारी हो चुके हैं। यह देखने में आया है कि अंशदायी पेंशन योजना के तहत जमा रकम को कर्मचारी रिटायरमेंट, मृत्यु अथवा सेवा त्याग की स्थिति में निकालने लगे हैं।
ऐसा हुआ तो भविष्य में दोहरे लाभ की स्थिति बन जाएगी। पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत पैसे निकलना गलत है।
ऐसे में सभी सरकारी सेवकों के लिए अंशदायी पेंशन योजना के अंतिम निकासी पर रोक लगाई जाती है।
क्या दिक्कत आ रही है
अधिकारियों का कहना है कि अंशदायी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों के वेतन से ही कटौती हुई है। सरकार उसमें अंशदान मिलाती।
रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को यह रकम मिल जाती। पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकार के पास जमा रकम मासिक पेंशन के रूप में कर्मचारी को मिलती।
इसमें सरकार का भी अंशदान रहता। अब अगर कर्मचारी नई योजना के तहत अपना पूरा अंशदान निकाल लेते हैं।
बाद में सरकार उनको मासिक पेंशन भी देती है तो यह दोहरे फायदे की स्थिति बनेगी, जो नियम के खिलाफ है।
मार्च में हुई थी पेंशन बहाली की घोषणा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकारी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा आदि का हवाला देकर 9 मार्च 2022 को पुरानी पेंशन योजना बहाली की घोषणा की थी।
उसके बाद सरकार ने पुरानी पेंशन योजना काे लागू करने का आदेश राजपत्र में प्रकाशित कर दिया।
इसी के साथ नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों के वेतन हो रही 10% की कटौती को भी बंद कर दिया गया।