गुलाम नबी आजाद ने आतंकियों से हथियार छोड़ने की अपील, मिली जान से मारने की धमकी…

कांग्रेस से नाता तोड़ अपनी नई पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे गुलाम नबी आजाद ने आज जम्मू-कश्मीर में कई जनसभाएं कीं।

इस दौरान उन्होंने आतंकवादियों से हथियार छोड़ने की बात कहीं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में एक रैली को संबोधित करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बंदूक संस्कृति ने पीढ़ियों को नुकसान पहुंचाया है और वह कश्मीर घाटी में युवाओं को मरते नहीं देखना चाहते हैं।

उन्होंने कहा जिन लोगों ने बंदूकें उठाई हैं, उनसे मेरा अनुरोध है कि यह बंदूक कोई समाधान नहीं है। बंदूक केवल विनाश और दुख लाती है। 

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए आजाद ने कहा कि हिंसा ने कश्मीर घाटी में हजारों महिलाओं को विधवा और लाखों बच्चों को अनाथ बना दिया है। मैं और अधिक रक्तपात और युवाओं के शव को देखना नहीं चाहता।  

उन्होंने कहा कि वह उन नेताओं की तरह नहीं हैं जो चुनाव जीतने के लिए धार्मिक भावनाओं का शोषण करते हैं।

मैं झूठे नारों के जरिए लोगों को धोखा नहीं दूंगा। आजाद ने कहा कि एक आतंकवादी संगठन ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है, लेकिन वह शांति के रास्ते पर चलने से नहीं चूकेंगे। 

आज़ाद ने कहा कि अगस्त 2019 केंद्र सरकार द्वारा खत्म कर दिए अनुच्छेद 370 को बहाल करने का अगर कुछ लोग वादा कर रहे हैं, ‘उन्हें करने दें’, लेकिन वह लोगों को उस चीज की गारंटी नहीं देंगे जो उनके बस में नहीं है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “ मैं आपसे विकास का वादा कर सकता हूं। मैं सुनिश्चित करूंगा कि आपकी ज़िंदगी गरिमापूर्ण हो। मैं आपसे वादा करता हूं कि रात में मेरे गुज्जर-बकरवाल या कश्मीरी भाइयों के घरों के दरवाजे कोई भी पुलिसकर्मी या सेना का जवान नहीं खटखटाएगा।”

उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे वादा करता हूं कि गरीब या अमीर लोगों के बच्चों को जेल नहीं भेजा जाएगा और उन्हें पैसे के लिए कठुआ या देश की किसी अन्य जेल में नहीं भेजा जाएगा। मैं आपसे वादा करता हूं कि कोई भी हमारी बहनों और बेटियों का अपमान नहीं करेगा।’

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी वादा किया कि ‘फर्जी’ मुठभेड़ नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के पटल पर वादा किया है कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा।

आज़ाद ने कहा, “ एक बार राज्य का दर्जा बहाल हो जाने के बाद, मैं जमीन और रोजगार के अधिकार की गारंटी दे सकता जोकि जम्मू-कश्मीर में सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लोगों को ही दी जाएगी।” 

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