महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद ब्रिटेन में नए युग का आगाज हो चुका है।
किंग चार्ल्स III ने अपनी मां एलिजाबेथ द्वितीय के बाद शाही परिवार की गद्दी संभाल ली है।
70 साल की उम्र में ब्रिटेन की गद्दी संभालने वाले किंग चार्ल्स के बारे में लोग जानना चाहते हैं कि वो क्या खाते हैं, क्या पसंद करते हैं और क्या नहीं। एक रिपोर्ट के अनुसार, किंग चार्ल्स की कुछ अजीब आदतें हैं।
वो जहां भी ट्रैवल करते हैं अपने साथ टॉयलेट सीट और क्लेनेक्स वेलवेट टॉयलेट पेपर लेकर जाते हैं। इसके अलावा उनके पायजामों और शूलेस तक में प्रेस की जाती है।
न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि किंग चार्ल्स III “जहां भी जाते हैं अपनी खुद की टॉयलेट सीट और क्लेनेक्स वेलवेट टॉयलेट पेपर लेकर आते हैं”।
रिपोर्ट में पॉल ब्यूरेल का हवाला दिया गया, जिन्होंने चार्ल्स की दिवंगत पत्नी राजकुमारी डायना और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बटलर के रूप में भी काम किया। ब्यूरेल ने किंग चार्ल्स की आदतों के बारे में जानकारी साझा की है।
ब्यूरेल का हवाला देते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है, “उसके पजामा को हर सुबह प्रेस की जाती है। उनके शूलेस पर प्रेस की जाती है।
बाथरूम में उन्हें पानी हल्का गर्म चाहिए। यही नहीं किंग के नौकरों को आदेश है कि हर उनके टूथब्रश पर एक इंच टूथपेस्ट होना चाहिए।
नाश्ते का डिब्बा उनके साथ रहता है
रॉयल स्टाफ के एक पूर्व सदस्य शेफ ग्राहम न्यूबॉल्ड के मुताबिक, किंग बहुत स्वस्थ भोजन करते हैं। उन्हें नाश्ते में घर की बनी ब्रेड, ताजा फल और ताजा फलों का जूस पसंद है।
वह दुनिया में जहां भी जाते हैं, नाश्ते का डिब्बा उनके साथ जाता है। उसके पास छह अलग-अलग प्रकार के शहद, कुछ विशेष मूसली और सूखे मेवे होते हैं।
क्वीन के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे दुनियाभर के 500 नेता
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राजकीय अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित विश्वभर के लगभग 500 नेता और विदेशी गणमान्य लोग शामिल होंगे।
महारानी का अंतिम संस्कार सोमवार को वेस्टमिंस्टर एबे में राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। ब्रिटेन में पिछले 57 वर्षों में यह पहला राजकीय अंतिम संस्कार है।
इससे पहले 1965 में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल का राजकीय अंतिम संस्कार किया गया था।
लैंकस्टर हाउस में भारत का शोक संदेश
आधिकारिक खबरों के अनुसार महाराज चार्ल्स तृतीय रविवार शाम को लंदन के बकिंघम पैलेस में विदेशी नेताओं के सम्मान में एक समारोह की मेजबानी करेंगे।
सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे अंतिम संस्कार कार्यक्रम की शुरुआत होगी। इससे पहले रविवार को राष्ट्रपति मुर्मू शोक पुस्तक पर हस्ताक्षर करेंगी और बकिंघम पैलेस के पास लैंकस्टर हाउस में भारत सरकार की ओर से शोक संदेश देने की भी उम्मीद है।
रूस समेत तीन देशों को निमंत्रण नहीं
इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध का भी ब्रिटेन की इस महत्वपूर्ण राजनयिक घटना पर प्रभाव पड़ा है। ब्रिटिश मीडिया की खबरों के अनुसार रूस, बेलारूस और म्यांमा को राजकीय अंतिम संस्कार के लिए निमंत्रण नहीं दिया गया है।
उधर, बेल्जियम, स्वीडन, नीदरलैंड और स्पेन के नरेशों और उनकी रानियों के भी इस राजकीय अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है।