पाकिस्तान के साथ व्यापार शुरू करने की जल्दी में नहीं भारत, शहबाज शरीफ के पाले में डाली गेंद…

पाकिस्तान में बाढ़ के बाद हालत बदतर होते जा रहे हैं।

पड़ोसी मुल्क का एक तिहाई हिस्सा बाढ़ की चपेट में है, ग्यारह सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि, लाकों की संख्या में लोग बेघर हो गए हैं।

पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए सहायता की अपील की है।

इस बीच भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार को फिर से शुरू करने को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री भी इस बात के संकेत दिए हैं।

वहीं, भारत का मानना है कि इंडिया-पाकिस्तान के बीच व्यापार को फिर से शुरू करने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है।

घटनाक्रम से परिचित लोगों ने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान ने साल 2019 में भारत के साथ एकतरफा व्यापारिक संबंध तोड़े थे।

उन्होंने कहा, भारत ने भी अभी तक पड़ोसी देश में विनाशकारी बाढ़ के मद्देनजर पाकिस्तान को सहायता देने पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन भारतीय क्षेत्र के जरिए शिपिंग सहायता के बारे में अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुरोधों पर विचार करेंगे।

दरअसल, पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि इस्लामाबाद भारत से सब्जियों और खाद्य पदार्थों के आयात पर विचार कर सकता है ताकि बाढ़ के कारण होने वाले संकट से निपटा जा सके। देश में बाढ़ की वजह से करीब 33 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

शहबाज शरीफ ने फिर अलापा कश्मीर राग

लोगों ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से भारत को लेकर टिप्पणी करना ठीक नहीं रहा है। जिसमें शरीफ ने भारत से व्यापार शुरू करने मसले को सीधे जम्मू-कश्मीर के जोड़कर पेश किया था।

शरीफ ने कहा था कि भारत के साथ व्यापार करने में कोई समस्या नहीं होगी लेकिन वहां नरसंहार चल रहा है और कश्मीरियों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया है।

शरीफ ने आगे कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठकर बात करने के लिए तैयार हैं।

व्यापार शुरू करने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की

घटनाक्रम से परिचित लोगों में से एक ने कहा, व्यापार के मुद्दे पर पाकिस्तान की ओर से हर तरफ के उलटफेर होते रहे हैं और जब उसे कश्मीर के मुद्दे से जोड़ दिया जाता है तो आप हमसे क्या करने की उम्मीद करते हैं? उन्होंने कहा 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के जवाब में पाकिस्तान ने एकतरफा फैसला लेते हुए भारत के साथ व्यापार को निलंबित कर दिया था। ऐसे में व्यापार को फिर से शुरू करने की जिम्मेदारी भी पाकिस्तान को ही है।

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