दूसरे विश्व युद्ध के 77 साल बाद पोलैंड ने कहा है कि वह जर्मनी से हर्जाना मांगेगा।
इस युद्ध के दौरान नाजी अटैक में पोलौंड के लाखों लोग मारे गए थे।
दूसरा विश्व युद्ध 1 सितंबर 1939 से 2 सितंबर 1945 तक लड़ा गया था। आज से 83 साल पहले यानी 1 सितंबर 1939 में हिटलर के नेतृत्व वाले नाजी जर्मनी ने पोलैंड पर आक्रमण कर कब्जा कर लिया था।
अब पोलैंड उस आक्रमण का हर्जाना मांगेगा। पोलैंड के शीर्ष राजनेता ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार नाजियों द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनके देश पर कब्जा करने के लिए जर्मनी से हर्जाना मांगेगी।
सत्तारूढ़ दल के मुख्य नेता जारोस्लाव काजिंस्की ने कहा कि ऐसा करना पोलैंड का “दायित्व” है। काजिंस्की पोलैंड के मुख्य पॉलिकी मेकर हैं।
पोलैंड आधिकारिक तौर पर मरम्मत की मांग करेगा
नाजी अटैक की बरसी पर पौलैंड ने अपने नुकसान का अनुमान लगाया है।
पोलैंड का कहना है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जब नाजी जर्मनी ने उनके देश पर आक्रमण किया था तब उससे 6.2 ट्रिलियन ज्लॉटी (1.32 ट्रिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ था।
देश के सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी नेताओं ने गुरुवार को कहा कि पोलैंड आधिकारिक तौर पर मरम्मत की मांग करेगा।
बता दें कि गुरुवार को पोलैंड ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें नाजी जर्मनी द्वारा अटैक के बाद नुकसान का खुलासा किया गया है।
युद्ध का पहला शिकार था पोलैंड
पोलैंड की दक्षिणपंथी सरकार का तर्क है कि उनका देश युद्ध का पहला शिकार था। लेकिन पड़ोसी देश जर्मनी ने उन्हें पूरी तरह से मुआवजा नहीं दिया।
पोलैंड का कहना है कि जर्मनी अब यूरोपीय संघ के भीतर उसके प्रमुख भागीदारों में से एक है।
1 सितंबर, 1939 को नाजी जर्मनी ने बमबारी के साथ पोलैंड पर हमला किया था। जब तक हिटलर दूसरा विश्व युद्ध हार नहीं गया तब तक पौलैंड पूरे 5 साल तक नाजी जर्मनी के कब्जे में रहा था।
इस युद्ध में हुए भीषण नुकसान को लेकर पोलैंड पिछले काफी समय से विचार कर रहा था। लगभग 30 अर्थशास्त्रियों, इतिहासकारों और अन्य विशेषज्ञों की एक टीम ने 2017 से इस रिपोर्ट पर काम किया है।
हालांकि इस मुद्दे ने द्विपक्षीय तनाव जरूर पैदा कर दिया है।
पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेजेज डूडा ने डांस्क के पास वेस्टरप्लाटे प्रायद्वीप में कहा कि युद्ध “हमारे इतिहास की सबसे भयानक त्रासदियों में से एक” था।
वेस्टरप्लाटे प्रायद्वीप वही जगह है जहां सबसे पहली बार नाजी सेना ने आक्रमण किया था।
उन्होंने कहा, “न केवल इसलिए कि इसने हमारी आजादी या हमारे देश को हमसे छीन लिया, बल्कि हमारे राष्ट्र के लिए यह अपूरणीय क्षति इसलिए भी थी क्योंकि इस अटैक से पोलैंड के लाखों नागरिक पीड़ित हुए। उन्हें संघर्ष करना पड़ा।”
पहले भी नुकसान का अनुमान जारी कर चुका है पोलैंड
पोलैंड ने इससे पहले भी अपने नुकसान का अनुमान लगाया था। 2019 से सत्ताधारी पार्टी के सांसद ने कहा था कि पोलौंड को $850 अरब का नुकासन हुआ था।
हालांकि अब ये बढ़कर 1300 अरब बताया जा रहा है। सत्तारूढ़ पार्टी लॉ एंड जस्टिस (PiS) ने 2015 में सत्ता संभालने के बाद से कई बार मुआवजे की मांग की है, लेकिन पोलैंड ने आधिकारिक तौर पर ये नहीं कहा कि उसे कितने डॉलर चाहिए।
काजिंस्की ने एक समाचार सम्मेलन में कहा, “जो राशि पहले पेश की गई थी, उसे सबसे सीमित व पुराने तरीकों का इस्तेमाल करके अपनाया गया था, इसलिए इसका बढ़ना संभव था।”
जर्मनी के प्रति जुझारू रुख रखने वाली पार्टी ने बर्लिन के साथ संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है। ये पार्टी जर्मनी पर निशाना साधकर अपने इलाकों में वोट मांगती रही है।