दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच बढ़ते तनाव के चलते इस शुक्रवार लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और उपराज्यपाल वीके सक्सेना (LG Vinai Kumar Saxena) की साप्ताहिक बैठक नहीं होगी।
करीब डेढ़ महीने में यह चौथी बार है, जब केजरीवाल बैठक में शामिल नहीं होंगे। एक बयान में कहा गया है कि केजरीवाल दो दिवसीय गुजरात यात्रा के चलते बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।
बयान में कहा गया, “मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच साप्ताहिक बैठक कल (शुक्रवार को) नहीं होगी।
मुख्यमंत्री दो दिवसीय गुजरात यात्रा के कारण शुक्रवार की बैठक में शरीक नहीं हो पाएंगे।” बयान में कहा गया कि केजरीवाल दो सितंबर को गुजरात के द्वारका में एक जनसभा को संबोधित करेंगे और अगले दिन सुरेंद्रनगर में एक बैठक में हिस्सा लेंगे।
सक्सेना और केजरीवाल के बीच दिल्ली के विकास से संबंधित मामलों पर चर्चा करने के लिए हर शुक्रवार को नियमित रूप से बैठक होती है।
हालांकि, पिछले हफ्ते 26 अगस्त को होने वाली बैठक दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के कारण रद्द कर दी गई थी। 19 अगस्त को भी बैठक नहीं हो पाई थी। सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में हुई कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद 22 जुलाई को होने वाली बैठक में भी केजरीवाल शरीक नहीं हुए थे।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में अनियमितताओं के आरोप में पिछले महीने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास सहित 31 जगहों पर छापेमारी की थी।
इस मामले में दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी में सिसोदिया भी नामजद हैं। इसके अलावा उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में अनियमितताओं से संबंधित सीवीसी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने में ‘‘ढाई साल की अत्यधिक देरी” होने पर जवाब मांगा था।
दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (आप) ने सक्सेना पर “1400 करोड़ रुपये के घोटाले” का आरोप लगाया है।
पार्टी के विधायकों का आरोप है कि सक्सेना ने 2016 में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग का अध्यक्ष रहते कथित रूप से यह घोटाला किया था। विधायक इस मामले की भी सीबीआई जांच कराने की मांग रहे हैं।