सऊदी अरब की एक महिला को सोशल मीडिया पोस्ट के मामले में 45 साल कैद की सजा सुनाई गई है।
एक हफ्ते के अंदर यह दूसरा मामला है, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नौरा-अल-कतानी नाम की महिला पर आरोप है कि उसने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए देश के सामाजिक ढांचे को बिगाड़ने की कोशिश की और सरकारी आदेश का उल्लंघन किया है।
महिला को काउंटर टेररिजम और एंटी साइबर क्राइम कानून के तहत यह सजा दी गई है।
सऊदी अरब के दिवंगत पत्रकार जमाल खशोगी द्वारा स्थापित वॉशिंगटन के एक संगठन ने कोर्ट के दस्तावेजों की एक कॉपी शेयर की है।
हालांकि एएफपी अभी इसकी पुष्टि नहीं कर पाया है, सऊदी अरब के किसी अधिकारी की भी इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
हालांकि यह मामला अंतरराष्ट्रीय मीडिया में जगह बना चुका है और चर्चा का विषय बन गया है।
पश्चिम में इस मामले को लेकर बहस इसलिए भी शुरू हो गई है क्योंकि पिछले महीने यहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी पहुंचे थे।
पहले तो खसोगी की मौत को लेकर बाइडेन ने सऊदी अरब को अलग-थलग करने की धमकी दी थी लेकिन बाद में यूक्रेन-रूस के युद्ध की वजह से पैदा हुए ईंधन संकट को देखते हुए उन्हें यूटर्न लेना पड़ा।
कतानी के बारे में जो जानकारी हासिल हो स की है उसके मुताबिक उन्हें जुलाई 2021 में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद विशेष अदालत में उनकी सुनवाई शुरू हुई। इसी अदालत ने उन्हे दोषी करार दिया।
बता दें कि कुछ हफ्ते पहले ही सलमा- अल-शेहाब को 34 साल की सजा सुनाई गईथी। शेबाह दो बच्चो की मां हैं, उनपर भी सरकारी आदेश ना मानने का आरोप था.। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट को रीट्वीट किया था। शेहाब के ट्विटर पर दो हजार से भी कम फॉलोअर थे।