अमृतसर में एक पुलिसकर्मी की कार के नीचे कथित तौर पर विस्फोटक रखने वाले एक व्यक्ति सहित सात लोगों की गिरफ्तारी के साथ पंजाब पुलिस ने आज कहा कि उसने “आतंकवादी-गैंगस्टर गठजोड़ का एक और मामला” सुलझा लिया है।
राज्य के पुलिस प्रमुख गौरव यादव ने रविवार को कहा कि कनाडा स्थित गैंगस्टर लखबीर सिंह उर्फ लांडा, जिसके पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों से संबंध हैं इस मामले का मास्टरमाइंड था।
पुलिस की तरफ से कहा गया है कि युवाओं को कनाडा में बसने में मदद करने के वादे के साथ आतंकी गतिविधियों में उन्हें शामिल किया जा रहा है।
इस साल की शुरुआत में गायक सिद्धू मूसे वाला की भी हत्या में कनाडा-गैंगस्टर लिंक सामने आया था, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस प्रवृत्ति से निपटने के लिए कनाडा सरकार से भी मदद मांगी थी।
अमृतसर मामले में – इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) 16 अगस्त को फटने से पहले बरामद कर लिया गया था।
गिरफ्तार किए गए लोगों में एक पुलिस कांस्टेबल हरपाल सिंह भी शामिल हैं, ये सभी अमृतसर के निकटवर्ती जिले तरनतारन के रहने वाले हैं, पुलिस ने बताया कि दो लोग जेल से रैकेट चलाते थे।
गौरतलब है कि पुलिसकर्मी के घर में लगे एक सुरक्षा कैमरे में बम लगाते हुए कैद हो गया था।
पुलिस ने बताया कि पूरे मामले में वीडियो कॉल पर योजना बनाने वाला 33 वर्षीय लखबीर लांडा था, जो तरनतारन का मूल निवासी है, वो 2017 में कनाडा भाग गया था।
मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हमले में उसका नाम पहले से ही है, जहां रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड (आरपीजी) का इस्तेमाल किया गया था।
पुलिस के अनुसार, वह पाकिस्तान स्थित गैंगस्टर हरविंदर सिंह उर्फ रिंडा का सहयोगी है, जो आतंकवादी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के साथ मिलकर काम करता है।
पुलिस ने कहा कि पट्टी शहर के 22 वर्षीय दीपक ने बम लगाया था, यहां रैकेट चलाने वाले लोगों ने गोइंदवाल की एक जेल से इस घटना को अंजाम दिया था।
ये कनाडा स्थित लांडा के सहयोगी हैं, डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि अमृतसर पुलिस ने दो लोगों, हरपाल सिंह और फतेहदीप सिंह को दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया, जब वे मालदीव भागने की कोशिश कर रहे थे।
वे पुलिस को राजिंदर बाउ के पास ले गए, जो कोविड टीकाकरण प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण देश छोड़ने में विफल रहने के बाद महाराष्ट्र का शिरडी भाग गया था।