केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने शनिवार को कहा कि आठ वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने ‘कार्य करने की राजनीति’ की शुरुआत की और देश को परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार की राजनीति से मुक्ति मिली है जिससे लोगों का लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास गहरा हुआ है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में ‘मोदी@20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी‘ विषय पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि देश में माओवादी घटनाओं में काफी कमी आई है और उग्रवाद अब केवल कुछ जिलों तक ही सीमित है।
उन्होंने कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘वर्ष 2010 से 2014 के बीच पूरा देश निराश था, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी, लेकिन इसे सोनिया गांधी चला रही थीं।
फिर 12 लाख करोड़ रूपए के घोटाले हुए, न जाने कितने निर्भया के साथ बलात्कार हुआ, दुनिया में देश का सम्मान नहीं था, सरहदें भी सुरक्षित नहीं थीं, देश का भविष्य क्या होगा सब धुंधला सा हो गया था।’
शाह ने कहा, ‘लोग सोचने पर मजबूर हो गए थे कि क्या बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था विफल हो गई है, क्या इस पद्धति से देश दुनिया में अपनी जगह बना पाएगा।’
पूर्ण बहुमत के साथ प्रधानमंत्री के रूप में चुना, मोदी ने सुशासन का मंत्र दिया
शाह ने कहा, ‘फिर, वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया, मोदी जी को पूर्ण बहुमत के साथ प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया।
यूपीए शासन के दौरान लोकतंत्र में विश्वास खो चुके लोगों का आज कहना है कि हम एक सफल लोकतंत्र और लोकतंत्र की जननी हैं।
यह विश्वास मोदी सरकार के सुशासन के कारण है.’ केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘जब मोदी जी प्रधानमंत्री बने तब देश की राजनीति में तीन ‘नासूर’ थे – परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण, सभी राजनीतिक दल वंशवाद की राजनीति में लिप्त थे, लेकिन मोदी ने सुशासन का मंत्र दिया।’
मोदी देश के कल्याण के लिए साहसिक निर्णय लेते हैं
उन्होंने कहा, ‘मोदी ने देश की राजनीति से इन तीनों नासूर को खत्म किया और कार्य करने की राजनीति की शुरुआत की, आज लोगों का (लोकतंत्र में) विश्वास गहरा हुआ है.’ शाह ने कहा, ‘युवाओं को अब इसे करीब से देखना चाहिए कि वंशवाद की राजनीति, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण अब यहां मौजूद नहीं है।
केवल कार्य करने वालों को ही लोगों द्वारा चुना जाएगा.’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मोदी जी जब भी बड़े फैसले लेते हैं तो राहुल बाबा 7-8 ट्वीट (इसके खिलाफ) करते हैं. लेकिन 15 दिन बाद जब लोग उन फैसलों का स्वागत करते हैं तो उनका चेहरा देखने लायक होता है. मोदी देश के कल्याण के लिए साहसिक निर्णय लेते हैं, लोगों और किसी को खुश करने के लिए नहीं।’
वामपंथी उग्रवाद अब केवल कुछ जिलों तक ही सीमित है
सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार के काम की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद अब केवल कुछ जिलों तक ही सीमित है. उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2009 में माओवाद संबंधित घटनाओं में सुरक्षा कर्मियों सहित 2,258 लोग मारे गए थे, जो घटकर 509 (2021 में) हो गया है।
माओवादी हिंसा में उल्लेखनीय गिरावट आई है और माओवादी आत्मसमर्पण में वृद्धि हुई है. माओवाद अब केवल कुछ जिलों तक ही सीमित है।
शाह ने कहा कि यदि यहां (छत्तीसगढ़ में) सरकार बदल गई तब यहां भी जल्द ही वामपंथी उग्रवाद का सफाया हो जाएगा. समारोह में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।