सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक- छत्तीसगढ़): धमतरी- कांग्रेस पार्टी द्वारा आज़ादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर धमतरी विधानसभा में 75 किलोमीटर की पदयात्रा आयोजित की गई है, जिसके चौथे दिन एक अद्भुत संयोग देखने के मिला, जब पदयात्रा में शामिल कांग्रेस के ग्रामीण ब्लाक अध्यक्ष घनश्याम साहू हरे रंग की पोशाक पहन कर पदयात्रा में आए और कांग्रेस पार्षद डाकबंगला वार्ड सोमेश मेश्राम केसरिया पोशाक में नज़र आये, वहीं पूर्व पीसीसी सचिव आनंद पवार अपने चिरपरिचित अंदाज़ में शांति का रंग सफ़ेद पहने नजर आए।
जब तीनों अपने हाथ में भारत का तिरंगा लेकर पंक्तिबद्ध हुए तो यह मनमोहक दृश्य देखकर सब लोगों की नजरें उन पर ही थमी रह गई। ऐसा लगा कि प्रकृति इस संयोग के माध्यम से यह संदेश देना चाह रही है कि वो भी आज़ादी की इस गौरवयात्रा में सहयोगी भूमिका निभा रही हो।
कुछ लोगों का यह भी तर्क था कि इस संयोग में अशोक चक्र की कमी महसूस हो रही है, इस पर आनंद पवार ने कहा कि अशोक चक्र की 24 तीलियाँ मानवता के 24 गुणों को दर्शाती है और यह उपस्थित हर एक व्यक्ति उन 24 गुणों को धारण किए हुए उस कमी को भी पूरा कर रहा है।
तिरंगे में तीन रंग हैं, इसलिए इसे तिरंगा कहा जाता है। इसमें मौजूद हर रंग का अपना विशेष महत्व और अलग मतलब है। तिरंगे के सबसे ऊपर केसरिया रंग है ये रंग साहस और बलिदान को प्रदर्शित करता है जो एक युवा द्वारा धारण किया गया है, तिरंगे के बीच में यानी दूसरे नंबर पर सफेद रंग है, ये शांति और सत्य को प्रदर्शित करता है इसके लिए युवावस्था के साथ थोड़ी परिपक्वता की भी आवश्यकता है, तिरंगे में सबसे नीचे यानी तीसरा रंग हरा है, इस रंग को संपन्नता, खुशहाली, विश्वास, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक माना जाता है जिसके लिए पूर्ण परिपक्व होना बेहद आवश्यक है। सफेद रंग की पट्टी के मध्य में एक चक्र है जिसे अशोक चक्र कहा जाता है, इसमें 24 तीलियां हैं, ये चक्र नीले रंग का है, इस चक्र को सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ से लिया गया था, ये 24 तीलियां मनुष्य के 24 गुणों को दर्शातीं हैं, इन 24 तीलियों से ही मनुष्य के लिए बनाए गए 24 धर्म मार्ग की तुलना की गई है।