धार के कारम नदी पर बन रहे डैम को फूटने से बचाने के लिए अब सेना ने मोर्चा संभाल लिया है।
सेना के जवान रात करीब 2 बजे मौके पर पहुंचे। ये जवान बांध को फूटने से बचाने के काम में जुट गए हैं।
इसके अलावा NDRF की सूरत, बड़ोदरा, दिल्ली और भोपाल से एक-एक टीम भी मौके के लिए रवाना कर दी गई है। हर टीम में करीब 30 से 35 ट्रेंड जवान शामिल हैं। अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा ने बताया कि डैम को लेकर एक हाईलेवल मीटिंग मंत्रालय में बुलाई गई थी, जिसमें ये फैसला लिया गया कि सेना की मदद ली जाए।
दरअसल धार में भरुडपुरा और कोठीदा के बीच कारम नदी पर बनाए जा रहे डैम में गुरुवार से लीकेज के बाद पानी का रिसाव शुरू हुआ था। शुक्रवार सुबह बांध के एक तरफ की मिट्टी बह गई। इससे डैम की वॉल का बड़ा हिस्सा ढह गया।
इसके बाद खतरे के मद्देनजर प्रशासन ने डैम के आसपास के 18 गांव खाली करा लिए। इनमें धार जिले के 12 और खरगोन के 6 गांव शामिल हैं। इससे करीब 40 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। डैम से प्रभावित होने वाले गांवों में धारा 144 लगा दी गई है।
डैम का पानी जिस नदी में जाएगा, उस पर आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे-3 (AB रोड) का पुल है। हाईवे पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए प्रशासन की टीम तैनात है। वाहनों की आवाजाही कम कर दी गई है। इससे जाम के हालात बन गए।
राज्य सरकार राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए सेना के संपर्क में है। एयरफोर्स के 2 हेलिकॉप्टर और आर्मी की एक कंपनी भी तैयार है। देर शाम मिली जानकारी के अनुसार डैम क्षेत्र से 4 किलोमीटर दूर आगरा-मुंबई हाईवे को मानपुर से लेकर खलघाट तक डायवर्ट कर दिया गया है।
रिसाव बढ़ा तो गांवों तक पहुंचेगा पानी
बांध में शुक्रवार दोपहर से ही रिसाव शुरू हो गया था। तब से ही प्रशासन की टीम मौके पर है। आसपास के 18 गांवों में मुनादी कराकर लोगों को अलर्ट किया गया है। रिसाव अगर और बढ़ता है तो पानी गांवों तक पहुंच जाएगा। आसपास के रास्ते भी डूब जाएंगे।
डैम का पानी खाली किया जा रहा
कारम नदी पर बन रहे डैम को धंसने से बचाने के लिए डैम का पानी निकालने का काम हो रहा है। साथ ही जिस जगह पानी का रिसाव हो रहा है, वहां भी लगातार मिट्टी डालकर रिसाव रोकने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए 5 पोकलेन मशीनें लगाई गई हैं।
बांध के पास एक नहर नुमा रास्ता बनाया जा रहा है, ताकि पानी निकल सके। वाटर लेवल कम होने पर ही मरम्मत संभव होगी। डैम के दूसरे छोर पर स्नूज वॉल खोला गया है। यहां करीब ढाई घंटे से पानी निकाला जा रहा है। डैम में जितना पानी कम होगा, उसके फूटने का खतरा उतना ही कम होगा।
मरम्मत का काम शुरू किया गया
इंदौर के साथ भोपाल से विशेषज्ञों की टीम डैम को देखने पहुंची। यहां मरम्मत का काम भी तेजी से शुरू हो चुका है। फिलहाल बारिश रुकी हुई है, लेकिन अगले कुछ घंटों में बारिश होती है तो हालात बिगड़ सकते हैं।
इस लिहाज से अगले 10 घंटे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है। NDRF, SDERF के साथ ही पुलिस, प्रशासन, होम गार्ड और राजस्व विभाग का अमला बचाव कार्य में लगा है।
4 साल से चल रहा डैम का काम
धार जिले में 304.44 करोड़ की लागत से कारम नदी पर डैम बनाया जा रहा है। कारम नदी परियोजना के लिए 4 साल से काम चल रहा है। डैम पूरी तरह बन जाने के बाद 52 गांवों की 10 हजार 500 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी।
धार-खरगोन के इन गांवों में अलर्ट
डैम का जल संग्रहण क्षेत्र 183.83 वर्ग किमी है। बांध की लंबाई 564 मीटर और चौड़ाई 6 मीटर है। जल भरण क्षमता करीब 43-98 मीट्रिक घन मीटर रखी जाएगी। अधिकारियों ने निरीक्षण करने के बाद कोठीदा, भारुडपुरा, इमलीपुरा, भांडाखो, दुगनी, डेहरिया, सिमराली, सिरसोदिया, डहीवर, लसनगांव व हनुमंतिया जैसे गांवों के लिए अलर्ट जारी किया है। इन गांवों में प्रशासन की टीम तैनात है।