देशभर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अलकायदा को अब डी-कंपनी मोटे स्तर पर फंडिंग कर रही है।
मुंबई में प्रॉपर्टी की सौदेबाजी और इससे जुड़े विवादों का निपटारा करके देश से फरार पाकिस्तान में रह रहा अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम मोटा फंड इकट्ठा कर रहा है।
इस बात का खुलासा हाल ही में एनआईए के हत्थे चढ़े डी कंपनी के एक गुर्गे से पूछताछ के दौरान हुआ है। सूत्रों के अनुसार, एनआईए टेरर फंडिंग के कुछ मामलों की जांच कर रही है।
इसी दौरान एनआईए को पता चला कि पाकिस्तान में छिप कर रह रहा दाऊद इब्राहिम कासकर डी-कंपनी के जरिए भारत से करोड़ों रुपए एकत्र कर हवाला व डिजिटल माध्यमों से सीधे लश्कर, जैश और अलकायदा को भेज रहा है। इसमें उसकी मदद मुंबई में रह रहा सलीम फ्रूट कर रहा था।
एनआईए की गिरफ्त में आए सलीम फ्रूट ने उगले थे राज, यही डी-कंपनी का कारोबार संभालता है
सूत्रों के मुताबिक, एनआईए ने राडार पर आए मोहम्मद सलीम मोहम्मद इकबाल कुरैशी उर्फ सलीम फ्रूट को 4 अगस्त को मुंबई सेंट्रल के मीर अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया था। एनआईए को सलीम के पास से कुछ अहम दस्तावेज भी बरामद हुए थे। सलीम मुंबई में छोटा शकील के नाम से डी-कंपनी के अवैध कारोबार संभाल रहा था।
सूत्रों के अनुसार, सलीम से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ है कि डी-कंपनी के इशारे पर मुंबई में प्राॅपर्टी डीलिंग और बड़े-बड़े उद्योगपतियों के बीच विवादों को निपटाने के जरिए करोड़ों रुपए एकत्रित कर सीधे लश्कर, जैश और अलकायदा को भेजे गए हैं।
इसके अतिरिक्त डी-कंपनी के अवैध रूप से नशे के कारोबार, सोना तस्करी व अन्य माध्यमों से कमाया गया पैसा भी दाऊद के इशारे पर आतंकी संगठनों को डायवर्ट किया गया है।
मसूद के भाई को वैश्विक आतंकी घोषित करने में चीन का अड़ंगा
चीन ने संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के अमेरिका और भारत के प्रस्ताव को अटका दिया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि बिना उचित कारण दिए आतंकियों को काली सूची में डालने के अनुरोध पर रोक लगाना रुकना चाहिए। रऊफ 1999 में भारतीय विमान अगवा करने का साजिशकर्ता रहा है।