ट्विटर के अधिग्रहण की डील को खत्म करने के बाद टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को कोर्ट का सामना करना पड़ रहा है।
एलन मस्क ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने यह डील क्यों तोड़ी,एलन मस्क ने कहा कि सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने भारत सरकार के खिलाफ जोखिम भरे मुकदमे का खुलासा करने में विफल रही।
मस्क ने यह भी कहा है कि ट्विटर ने भारत सरकार के खिलाफ जाकर दुनिया के तीसरे सबसे बड़े बाजार को खतरे में डाल दिया।
डेलावेयर अदालत में एक काउंटरसूट में, मस्क ने यह भी दावा किया कि सैन फ्रांसिस्को स्थित सोशल मीडिया कंपनी को खरीदने के लिए सौदे पर हस्ताक्षर करने के लिए उनकी आंख में धूल झोका गया।
मस्क ने कहा कि ट्विटर को कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक भारत में स्थानीय कानून का पालन करना चाहिए। वहीं, ट्विटर ने कोर्ट को बताया है कि मस्क के पास कंपनी के बारे में पूरी जानकारी थी।
बता दें कि साल 2021 में भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया पोस्ट की जांच करने, सूचना की पहचान करने और उन कंपनियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए कुछ नियम लागू किए थे, जिन्हें ट्विटर ने मानने से इनकार कर दिया था।
हालांकित मस्क फ्री स्पीच के सपोर्टर हैं लेकिन, उनका मानना है कि ट्विटर को उन देशों के कानून का पालन करना चाहिए जहां वो संचालित होता है। मस्क ने कर्नाटक हाई कोर्ट में दायर एक याचिका का जिक्र करते हुए कहा है कि ट्विटर उनको इन सब की जानकारी देने में असफल रहा है।
ट्विटर का दावा- मस्क सौदा टालने की कोशिश कर रहे
मस्क के दावों पर ट्विटर ने कहा है कि उसने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत भारत सरकार की ओर से जारी किए गए कुछ आदेशों को चुनौती दी है, जिसमें ट्विटर को अपने मंच से कुछ सामग्री को हटाने का निर्देश दिया गया है, जिसमें राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की सामग्री शामिल है।
मस्क के वकील मिशेलेटी ने कहा है कि ट्विटर को कहानी के उस पक्ष को दफनाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जिसे वह सार्वजनिक नहीं करना चाहता। वहीं ट्विटर का तर्क है कि मस्क जानबूझकर सौदे को टालने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि बाजार की स्थिति खराब होने से ट्विटर का अधिग्रहण अब उनके फायदे में नहीं रह गया है।
सौदा तोड़ने के बाद कोर्ट में मुकदमा
दरअसल, ट्विटर ने 44 अरब डॉलर का सौदा तोड़ने पर मस्क के खिलाफ अमेरिका के डेलावेयर कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। ट्विटर ने मुकदमा दर्ज कराते हुए डेलवेयर कोर्ट से गुजारिश की है कि वह मस्क को आदेश दे कि ट्विटर डील 54.20 डॉलर प्रति शेयर की कीमत पर पूरी की जाए।
माइक्रोब्लॉगिंग साइट चाहता है कि 54.20 डॉलर प्रति शेयर (करीब 4,300 रुपये) के हिसाब से जो सौदा हुआ था, मस्क उसे पूरा करें। ट्विटर ने कहा, हम यह कार्यवाही इसलिए कर रहे हैं ताकि मस्क को आगे किसी भी उल्लंघन से रोका जाए।