ताइवान पर चीन को दर्द देने वालों में भारत भी होगा शामिल, पेलोसी की यात्रा के बाद बोला अमेरिका…

चीन की तमाम चेतावनियों के बावजूद यूएस हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान की यात्रा पूरी कर बुधवार को वापस लौट गईं।

पेलोसी के जाते ही अमेरिका ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भारत का जिक्र किया है जिससे चीन को मिर्ची लग सकती है।

दरअसल पेलोसी ने अपनी ताइवान यात्रा के दौरान इस द्वीप को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भागीदार करार दिया था, अब अमेरिका ने कहा है कि आजाद हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर वह भारत के साथ मिलकर काम करेगा। 

गौरतलब है कि चीन दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर को लेकर अक्सर अन्य देशों को चेतावनी देता रहा है, दक्षिण चीन सागर, दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित पश्चिमी प्रशांत महासागर का हिस्सा है।

चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है। वहीं वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रुनेई और ताइवान भी इस पर अपना दावा करते हैं।

चीन ने इस क्षेत्र में अपने नियंत्रण वाले कई द्वीपों पर सेना लगाई हुई है, दोनों क्षेत्रों को खनिज, तेल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध बताया गया है और ये वैश्विक व्यापार के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। 

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कारीन जीन-पियरे ने कहा कि भारत-अमेरिका कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भागीदार हैं, जिनमें रक्षा, टीके, जलवायु, तकनीक शामिल है।

उन्होंने कहा, “अमेरिका स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आगे बढ़ाने और दुनिया भर में हमारे दोनों देशों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत के साथ काम करना जारी रखेगा।”

अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 2017 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार का मुकाबला करने के लिए “क्वाड” का गठन किया था। चीन “क्वाड” का शुरू से विरोध करता आ रहा है। वहीं भारत अपने भागीदार देशों के साथ मिलकर हमेशा खुले और आजाद हिंद-प्रशांत क्षेत्र की वकालत करता रहा है। 

बुधवार को अमेरिका ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर बधाई दी। इस दौरान इसने कहा कि दोनों देश स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को आगे बढ़ाने और दुनिया भर में उनके सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कारीन जीन-पियरे ने मंगलवार को एक सवाल का जवाब देते हुए संवाददाताओं से कहा, “हम भारत के लोगों को आजादी के 75 साल पूरे होने पर बधाई देते हैं।”

उन्होंने कहा कि भारत का अहिंसक स्वतंत्रता संग्राम दुनिया के लिए एक प्रेरणा था। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि अगले 75 वर्षों में भारत और समृद्ध होता रहेगा।

उन्होंने कहा, “दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, हम अपने लोगों को अवसर, सुरक्षा, स्वतंत्रता और सम्मान दिलाने के लिए हर दिन एक साथ काम करना जारी रखेंगे।” बता दें कि भारत-अमेरिका अपने राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। 

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